Saturday, January 3, 2009
सबूत दे दे भारत थक गया
सबूत दे दे भारत थक गया
अमेरिका भी गया हार,
बातों से नहीं मानेगा ये
इसके जूते मारो चार।
ये है आदत से लाचार
प्यारे, आदत से लाचार।
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संसद में घुस गए आतंकी
मुंबई को दहलाते हैं,
नेता हमारे सारे कायर
बस खाली गाल बजाते हैं,
जनता है लाचार,प्यारे
जनता है लाचार।
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"बहादुर" सारे आतंकी
घर में आकर मारते हैं,
गाँधी हमारे पथ प्रदर्शक
हम दूर से ही ललकारतें हैं,
कैसी ये सरकार प्यारे
कैसी ये सरकार।
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कब तक होता जुल्म रहेगा
कोई तो समझाओ जी,
रोज रोज का मरना कैसा
एक बार मर जाओ जी,
जीना है बेकार प्यारे
जीना है बेकार।
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7 comments:
good
पता नहीं हम अपना देश चला रहे हैं या पाकिस्तान से भीख माँग रहे हैं !
भारत को थकना नहीं चाहिए. यह अंतर्राष्ट्रीय राजनीति है. सब जानते हैं कि पाकिस्तान मुंबई हमले में गले तक लिप्त है. पाकिस्तान भी यह जानता है कि सब जानते हैं. पर वह उल्टे-सीधे बयान देकर मामले को उलझाता रहेगा, कभी सीधे तौर पर यह स्वीकार नहीं करेगा. भारत को लगातार पाकिस्तान पर दबाब बनाये रखना चाहिए.
हम कूटनीति कर रहे है और वह हमें कूट रहे है .
नारायण नारायण
नारद जी नमस्कार,
मेरी तरफ से भी आपकी हाँ में हाँ.
बहुत अच्छे....
मुझे बचपन की एक घटना याद है, एक बच्चा मुझे रोजाना तंग करता था,फ़िर उलटे मेरी शिकायत भी करता कभी स्कुल मे तो कभी घर मै, अब मेरी तीन तरफ़ से पिटाई होती, एक दिन दिमाग ने काम किया, ओर मेने उस लडके को खुब धुना... यहां तक की उस के माथे से खुन भी निकलने लगा, ओर उस के कपडे भी फ़ट गये, अब शाम को फ़िर् शिकायत घर आई, ओर लडके को कहा पहचानो जिस ने तुम्हारा यह हाल किया है मुहल्ले के सारे लडके एक लाईन मै खडे कर दिये, बीच मे हम भी थे, जब लडका हमारे पास आया तो हम ने उसे थोडी आंखे दिखाई ओर कहा साले अगर पहचान लिया तो, कल तुझे कोन बचायेगा.....? बस उस दिन से किसी भी बच्चे ने हमे नही सताया.
अब यही फ़ार्मुला हमे पकिस्तान से भी करना पडेगा, वरना सहते रहो रोज रोज के धमाके, जब तक पाकिस्तान घुटनो पर ना आ जाये कोई रहम नही, ओर इतना धुन्नो की सात पिडियो तक उस की हिम्मत ना पडे भारत की ओर देखने की.
धन्यवाद
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