Thursday, December 24, 2009

तुझ को हारना है

---- चुटकी----

नेता जी जीतेंगे
तुझे हारना है,
फिर भी
तुझे इस खेल को
लोकतंत्र के नाम से
पुकारना है।

6 comments:

Udan Tashtari said...

जी, जैसा आदेश!!


नारायण नारायण!!

परमजीत सिहँ बाली said...

वही तो कर रहे हैं सब.....

बहुत बढ़िया!!

Anonymous said...

ye ek tarah ki gulami hi hai:(

विनोद कुमार पांडेय said...

सत्य वचन जी!!!

वाणी गीत said...

सनातन वाकया है अब तो ये ....ताजा उदहारण झाड़खंड का ही ले ....!!

मनोज कुमार said...

बहुत अच्छी रचना। क्रिसमस पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई।