Saturday, August 29, 2009
एनसीसी कैडेट या वेटर?कमेंट्स प्लीज़
श्रीगंगानगर में आज हुए एक प्रोग्राम में एनसीसी कैडेट्स की वेटर के रूप में सेवा ली गई। इन कैडेट्स से चाय और कोल्ड ड्रिंक बंटवाया गया। जबरदस्त गर्मी में पसीने से लथ- पथ ये कैडेट्स वेटर की भांति प्रोग्राम में आए लोगों को चाय ठंडा बांटते रहे। किसी ने भी इनको इस काम से नहीं रोका। मेरे अपनी राय में एनसीसी कैडेट्स का काम कम से कम चाय ठंडा सर्व करना तो नहीं हो सकता। अगर इस प्रकार के संगठन से जुड़े युवकों से यह काम करवाया जाएगा तो आ गई उनमे देश प्रेम की भावना। ठीक है भारत में सेवा करने से मेवा मिलती है। किंतु सेवा किस की करने से मेवा मिलती है यह भी तो सोचना और देखना है।
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7 comments:
ठीक कहते हैं. सेवा किसकी की बात है तो इस लिहाज से अगर मंत्री-वंत्री आए हों तो चल सकता है. क्यों?
अफसोसजनक है!!
स्कूलों में आपको ये बहुत दिख जाएगा पर सच गलत हैं।
ye sewa nahi aaj ka sach hai, we bhi mana nahi kar pate. kyonki unhe bhi to grade chahiye hi hain... kya karen, virodh ki aadat hi khatm hoti jaa rahi hai.... upar se niche tak,, har kahin yahi mahol hai...
शिक्षकों का खाना पकाना भी नहीं बनता है ...मगर बनाते हैं ..सरकारी नीतियों की कृपा से ..!!
सरकारी सोच बदलना पड़ेगी, नौकरशाहों को कौन समझाये....
sooo wonder on dis..
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