Friday, August 7, 2009

हिंदुस्तान मजबूर है

---- चुटकी----

पहले किसी लाचार
बूढे को
पी एम बनाते हैं,
फ़िर, अपने सहारे से
उसको चलाते हैं,
हिंदुस्तान मजबूर है
क्योंकि,
राजनीतिक दलों का
यही दस्तूर है।

10 comments:

हेमन्त कुमार said...

बहुत खूब।एक कड़्वा सच..।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

ख़ूबसूरत चुटकी नारद जी, थोडा और इजाफा कर रहा हूँ !
पहले किसी लाचार
बूढे को
पी एम बनाते हैं,
फिर उसका
सरकारी खर्च पर
एम्स में
इलाज करवाते है,
करदाता की
गाढ़ी कमाई का,
इसतरह,
खूब मजा उडाते है
और देश का मजाक
उडाने को,
उसे शर्म-अल-शेख
छोड़ आते है !!!!!

Arshia Ali said...

Satya vachan.
{ Treasurer-TSALIIM & SBAI }

Unknown said...

naarad muni ki kavita me godiyaal ji ka tadka majedaar laga. jaayka badh gaya..vallabh

http://puranidayari.blogspot.com/

वाणी गीत said...

हिंदुस्तान बहुत मजबूर है ...!!

Anonymous said...

पता नहीं क्यों हिन्दुस्तान ऐसी मजबूरियों को झेलने को मजबूर है....।।।।
www.nayikalam.blogspot.com

Murari Pareek said...

जो खुद चल नहीं सकते उनके हाथों में देश की डोर दुर्भाग्यजनक है सुन्दर रचना मुनिवर!!

Pawan Kumar Sharma said...

sahi kaha aapne

राजन अग्रवाल said...

kya baat hai

राजन अग्रवाल said...

kya baat hai