Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Sunday, April 10, 2011
आँखों से होकर दिल में
एक
तस्वीर
ना
जाने
कहाँ
से
एकदम
सामने
आ
गई
,
आँखों
से
होकर
दिल
में
समा
गई
,
ऐसा
कहाँ
है
हमारी
तकदीर
में
कि
हम
भी
हों
तुम्हारी
तस्वीर
में
।
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