Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Friday, April 15, 2011
सफर रोज का,जाना कहीं नहीं
ब
स
के
कंडक्टर
जैसी
हो
गई
है
जिंदगी
,
सफ़र
भी
रोज
का
और
जाना
भी
कहीं
नहीं
।
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तीस साल पुराने मित्र राजेश अरोड़ा का एक एस एम एस।
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