Wednesday, September 8, 2010

शब्दों को गणपति में बदलने में माहिर

श्रीगंगानगर में विजय गौड़ एक ऐसा कलाकार है जो किसी भी शब्द को गणपति का रूप प्रदान कर देता है। आप हस्ताक्षर करो विजय उसको गणपति बना देगा। एक हस्ताक्षर के अनेक गणपति।

6 comments:

Udan Tashtari said...

गजब!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बहुत सुंदर कलाकारी

राम राम

Unknown said...

badhaai !

shubh kaamnaayen !

is naayaab kalakaari se aapki kirti chaaron or faile....

jai ho !

ब्लॉ.ललित शर्मा said...


बेहतरीन लेखन के बधाई

356 दिन
ब्लाग4वार्ता पर-पधारें

गजेन्द्र सिंह said...

बहुत बढ़िया .... आभार
एक बार जरुर पढ़े :-
(आपके पापा इंतजार कर रहे होंगे ...)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_08.html

विवेक रस्तोगी said...

वाह वाह अति सुन्दर