Saturday, May 16, 2009

आज प्रार्थना करने का दिन है

आज प्रार्थना का दिन है। कहते हैं कि प्रार्थना में बहुत अधिक शक्ति होती है। प्रार्थना की जरुरत इसलिए है क्योंकि आज यह तय होने वाला है कि अब भारत की जनता को कौन हांकेगा। चूँकि हमने परिवार सहित ईश्वर के सामने प्रार्थना करनी थी इसलिए जल्दी उठ गया। हालाँकि बच्चों , बीबी ने काफी शोर मचाया, सोने दो, हमें क्या पड़ी है,पड़ोसियों के यहाँ से भी खर्राटों की आवाज आ रहा है। सारा देश ही सो रहा है इसलिए तुम भी मुह पर कपड़ा ढक कर सो जाओ। लेकिन हमारे पर तो देशभक्ति के भूत सवार हो गया। इसलिए न सोये न सोने दिया।स्नान करके सब के सब लग गए ईश्वर से प्रार्थना करने। हे! ईश्वर तुम अगर हो तो इतना ध्यान रखना कि हमारा देश वह चलाये जिसको घर चलाना आता हो। अब हमारे हाथ में तो कुछ है नही। हमने तो हमारे हाथ कटवा लिए। अब तो हम यही चाहते हैं कि हमें किसी मुर्ख के हाथों मार ना खानी पड़े। हमने मार तो खानी है लेकिन कोई समझदार मारेगा तो लगेगा कि हमारी शान बन रही है। हे ! ईश्वर कोई ऐसा ना आ जाए जो मारे भी और रोने भी ना दे। रोने से मन हल्का हो जाता है बस, दर्द थोड़े ना जाता है। ईश्वर जी आप तो जानी जान हो, सबका भूत,वर्तमान और भविष्य जानते हो। यह भी निश्चित रूप से जानते होंगें कि वह कौन होगा जो देश को एक बंदी की भांति चलाएगा। जो केवल अपनी गद्दी बचाने के साम,दाम,दंड और भेद सबका इस्तेमाल करना जानता होगा। किंतु उसको यह नहीं पता होगा कि देश और देशवासियों का भला कैसे होता है। खैर,ईश्वर जी जो आपने सोच रखा है उसको बदलने की ताकत तो किसी में नहीं है। लेकिन इतनी प्रार्थना करने का हक़ तो है कि कोई ऐसा हमारी छाती पर बिठाना जो हमें कम से कम तकलीफ दे।

आप जानते हैं कि आज देश भर में वोटों की गिनती होनी है। और कोई काम तो आज,कल,परसों होगा नहीं। यह गिनती तय करेगी कि देश में किसकी सरकार होगी। अरे! मैं भी किसको बताने लगा। आप ही तो करने वाले हैं यह आप की ही तो लीला है। हे! कृपानिधान आपके कलयुगी नारदमुनि और उसके परिवार की प्रार्थना पर समय मिले तो गौर करना। क्योंकि आज आपके यहाँ तो बड़े बड़े नेताओं की भीड़ लगी होगी। इस भीड़ के पीछे देख लेना आपका नारदमुनि कहीं दुबका खड़ा होगा। मन में यही प्रार्थना लिए कि हे नारायण इस देश पर दया करना। इस पर कोई आंच ना आए। इस देश के लोग हमेशा मुस्कुराते रहें, हर हाल में हर वक्त। बाकी आपकी मर्जी। बड़े बड़े लोगों के बीच में पता नहीं मेरी प्रार्थना आप तक पहुँचेगी भी या नहीं। हम तो कहते हैं सब के सब देश वासी आज प्रार्थना करें अपने अपने ईश्वर से।

8 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

जी सही है .

Unknown said...

achha laga bheedu...lage raho

Udan Tashtari said...

प्रार्थना तो छोड़ो..पूरा हवन बैठाले हैं मगर धुँआ धुँआ ही नजर आ रहा है.

प्रवीण पाण्डेय said...

बन्दर के हाथ में उस्तरा आ गया तो ! प्रार्थना आवश्यक है । मेरी भी सुर मिला लें ।

Dr.R.Ramkumar said...

हे मुनिश्रेश्ट , सुना था जहां चाह वहां राह होती है , आज देख लिया । देख लिया आपको । आप वहीं मिले जहां आपको होना चाहिए था...यानी कैलास वगैरह के आसपास। प्रभु आपकी तो महिमा अपरंपार है। नारायण नारायण
एक प्राणी - डाॅ. रा. रामकुमार

Dr.R.Ramkumar said...

हे मुनिश्रेश्ट , सुना था जहां चाह वहां राह होती है , आज देख लिया । देख लिया आपको । आप वहीं मिले जहां आपको होना चाहिए था...यानी कैलास वगैरह के आसपास। प्रभु आपकी तो महिमा अपरंपार है। नारायण नारायण
एक प्राणी - डाॅ. रा. रामकुमार

Dr.R.Ramkumar said...

हे मुनिश्रेश्ट , सुना था जहां चाह वहां राह होती है , आज देख लिया । देख लिया आपको । आप वहीं मिले जहां आपको होना चाहिए था...यानी कैलास वगैरह के आसपास। प्रभु आपकी तो महिमा अपरंपार है। नारायण नारायण
एक प्राणी - डाॅ. रा. रामकुमार

Dr.R.Ramkumar said...

हे मुनिश्रेश्ट , सुना था जहां चाह वहां राह होती है , आज देख लिया । देख लिया आपको । आप वहीं मिले जहां आपको होना चाहिए था...यानी कैलास वगैरह के आसपास। प्रभु आपकी तो महिमा अपरंपार है। नारायण नारायण
एक प्राणी - डाॅ. रा. रामकुमार