प्रिय मित्र ,साहित्य हिन्दुस्तानी पर पधारने और अपनी आमद दर्ज कराने का शुक्रिया ,अगर आप अपने अन्नदाता किसान का तथा धरती माँ का कर्ज उतारना चाहते हैं तो कृपया मेरासमस्त पर पधारिये एवं जानकारियों का लाभ खुद भी उठाएं तथा जानकारी किसानों एवं रोगियों में बाँटें
3 comments:
जमीर नहीं जागीर बेचेंगे,
सब मौन मूक बस देखेंगे!
और जमीर इनकी अब जागीर नहीं,
जमीर तो कब मर चूका जनता का अरमान बेचेंगे !!
प्रिय मित्र ,साहित्य हिन्दुस्तानी पर पधारने और अपनी आमद दर्ज कराने का शुक्रिया ,अगर आप अपने अन्नदाता किसान का तथा धरती माँ का कर्ज उतारना चाहते हैं तो कृपया मेरासमस्त पर पधारिये एवं जानकारियों का लाभ खुद भी उठाएं तथा जानकारी किसानों एवं रोगियों में बाँटें
Bahut sahi kaha aapne.. Narayan Narayan.. Satya Vachan
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