Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Thursday, December 5, 2013
सालों बाद समझा
तेरी उस ख़ामोशी का अर्थ,
मेरी नादानी ने
मुझे गुनहगार बना दिया .
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment