Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Tuesday, August 24, 2010
बसंत को पतझड़ समझते हैं
अपनों के बीच
बेगाने की तरह
रहता हूँ,
कोई क्यों जाने
क्या क्या
सहता हूँ,
वो पतझड़
समझते हैं
जो
बसंत कहता हूँ।
1 comment:
राज भाटिय़ा
said...
आप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएं.
Tue Aug 24, 11:41:00 PM GMT+5:30
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1 comment:
आप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएं.
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