Friday, February 19, 2010

फाल्गुन में प्यारा लागे [ प्रथम]

फाल्गुन में प्यारा लागे
मोहे मोरा सजना,
उसके बिना री सखी
काहे का सजना।
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कानों में मिश्री घोले
चंग का बजना,
घुंघरू ना बजते देखो
बिन मेरे सजना।
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रंगों के इस मौसम में
भाए कोई रंग ना,
फाल्गुन बे रंग रहा री
आये ना सजना।

4 comments:

shikha varshney said...

badhiya holi geet...

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा!!

नारायण नारायण!

Anonymous said...

घुंघरू ना बजते देखो
बिन मेरे सजना।!!!
आपके बिना इतना सुंदर होली गीत कौन सुनाये !
बहुत दिनों के बाद मेरे ब्लॉग पर आना हुआ ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

डॉ. मनोज मिश्र said...

उम्दा.....