Monday, February 8, 2010

तू उदास मत होना


पतझड़ में
पेड़ से गिरते
पत्तों को देख
तू उदास मत होना,
ये तो
बहार आने को है
ये सन्देश
देने को निकले हैं।

6 comments:

विनोद कुमार पांडेय said...

सुंदर संदेश....

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

जीवन का क्रम ही है यह. सुंदर प्रकटीकरण.

seema gupta said...

बेहद सुन्दर पंक्तियाँ....

regards

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

वाह नारद जी, आज तो आपने बहुत ही गहरे भावो में डुबो दिया !

नीरज मुसाफ़िर said...

इसे कहते हैं पतझड के बाद बसन्त

डॉ. मनोज मिश्र said...

आप की पोस्ट पर अब तक की सर्वश्रेष्ठ पंक्तियाँ,
नारायण-नारायण.