Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Monday, March 24, 2014
मेरे मन को जानने वाले
गुम हो गए दो नैन,
कौन सुनेगा किसको सुनाऊँ
कैसे मिले अब चैन.
[कचरा]
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