श्रीगंगानगर। दिवाली के मौके पर
पहले तो प्रशासन ने लोगों को पीटा, उसके बाद उनके जख्मों पर दवा लगाने की बजाए नमक छिड़कने का काम शुरू किया।
पब्लिक ने रोका। गौशाला रोड के निवासी ने बताया कि कब्जे टूटने के बाद बीरबल चौक से
लेकर सुखाडिया सर्किल तक बिजली की लड़ियाँ लगाने का काम शुरू हुआ। लोगों ने देखा। चर्चा
शुरू हुई। लड़ी लगाने वाले से पूछा। उसको ऊपर नीचे किया तो पता चला कि ये रोशनी प्रशासन
की ओर से करवाई जा रही है। लोगों मेँ आक्रोश फैल गया। उन्होने मिल कर बिजली वाले को
रोका और लड़ियाँ नहीं लगाने दी। इतना ही नहीं लोगों ने कार्यवाहक आयुक्त से चर्चा कर
पानी निकासी के लिए खुद की रकम लगा नाला बनवाया। यह निर्माण आयुक्त की सहमति से, उनके बताए स्थान से शुरू किया गया था। लेकिन एक दिन बाद प्रशासन ने उसे भी
तुड़वा दिया। अब कोई उनसे पूछने वाला हो कि तुम लोगों के कहने से बनवाया, फिर तुड़वा क्यों दिया। कोई नेता, कोई मीडिया कर्मी भी
इन लोगों की समस्या नहीं समझ रहा और ना उनकी आवाज को आगे ले जा रहा है।
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