Sunday, September 14, 2008

गणपति को विदाई

श्रीगंगानगर पाकिस्तान और पंजाब की सीमा पर है। यहाँ के लोगों को कल्चर लगभग पंजाबी है। यहाँ गत दो तीन सालों में गणपति की मान्यता में बढोतरी हुई है। यहाँ तक की राजस्थान का मूल निवासी एक परिवार भी अपने घर गणपति की स्थापना करने लगे हैं, ठेठ मुंबई स्टाईल में। ऐसे ही एक परिवार ने आज गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन अपने बंधू बांधवों के संग किया। मूर्ति को अपने हाथ में लिए परिवार जन " गणपति बप्पा मोरया रे बप्पा मोरया रे..." करते हुए जा रहे थे। नहर किनारे गणपति की पूजा आरती कर उसको नाहर में विसर्जित कर दिया गया। श्रीगंगानगर में प्रमुख रूप से दो स्थानों पर गणपति की प्रतिमा की स्थापना की गई थी।इन में से मराठा मंडल ने कल शनिवार को गणपति की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया था। [ विडियो]

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

दुर्गा और गणपति दोनों ही ने विस्तार पाया है। नवरात्र में दुर्गा पूजा देखियेगा।

Dileepraaj Nagpal said...

सादर चरण स्पर्श...मैं दीपू नागपाल... प्रताप केसरी के बाद गुलाबी नगरी आकर दिलीप राज नागपाल हो गया। अपने नाम के साथ माँ का नाम लगाना बहुत सुकून देता है। आपका ब्लॉग पढ़ा। काफ़ी अच्हा लगा। अच्हा लगा की अपने गंगानगर में भी गणपति पूजन में आस्था बढ़ी।