Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Saturday, September 13, 2008
किसको अंगूठे दिखाओगे
-----चुटकी----
कर्मचारियों को पटाने हेतु
यूँ खजाना लुटाओगी,
तो अगली बार
विरोधियों
को
अंगूठे कैसे दिखाओगी।
----गोविन्द गोयल, श्रीगंगानगर
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