भारत के वाइस प्रेजिडेंट रहे और जाने माने राजनेता श्री भैरों सिंह शेखावत का अपना एक वजूद है। शायद ही कोई ऐसी राजनीतिक पार्टी होगी जिसमे श्री शेखावत को चाहने वाले न हों। ऐसा इसलिए कि वे रिश्तों को निभाने में माहिर हैं। श्रीगंगानगर से उन्होंने १९९३ का विधानसभा चुनाव लड़ा था। वे वह चुनाव बुरी तरह हारे। वे किसी भी पद पर रहे,जिसको अपना कहा उसके साथ हर समय खड़े नजर आए। अब उनके राजनीति में एक्टिव होने की चर्चा पर बहस छिडी हुई है। इस में कोई शक नही कि श्री शेखावत जैसे इन्सान निष्क्रिय होकर घर बैठने वालों में से नहीं है। मगर वाइस प्रेजिडेंट रहे किसी नेता का फ़िर से राजनीति में आना वाइस प्रेजिडेंट पद की गरिमा को तो आहत करेगा हीश्री शेखावत का मान सम्मान भी कम होगा। श्री शेखावत जी आपने वह सब कुछ पा लिया जो आपने कल्पना भी नहीं की होगी। अब क्या ऐसा रह गया जिसके लिए अपना बुढापा ख़राब करने की नोबत आ गई। सच है कि राजनीति में पद कि चाहत कभी ख़त्म नहीं होती मगर कोई लकीर तो आप जैसे सीनियर को लगानी चाहिए। ये नहीं कहते कि आपके आराम करने के दिन है,आप जैसे घर आराम करेंगें तो तो देश को सही दिशा कौन देगा। किंतु अब आप राजनीति में कुछ पद पाने की बजाये उसको साफ सुथरा करने का अभियान चलायें। कुछ ऐसा करें जिस से नेताओं के प्रति जन जन का खोया विश्वास फ़िर लौटने लगे। आप इस बात को जानते है कि नेताओं के प्रति आवाम की भावना कैसी है। आप शक्तिशाली है,आपका नेटवर्क है,जन जन आप पर विश्वास करता है,आपके लिए अब हर पद छोटा है आप का कद बहुत ऊँचा है उसको किसी पद में बाँध कर उसको दायरे में मत रखना। अभी तो आपने अपनी जुबान से कुछ कहा ही नहीं कि अफसाने शुरू हो गए। आपके आने से किसको कितना नफा नुकसान होगा ये तो समय बताएगा किंतु ये तय है कि इस से भैरों सिंह शेखावत की वो बात नहीं रहेगी जो अब तक है। साहब जी जिंदगी में पाना ही सब कुछ नहीं होता,त्याग का भी अपना महत्व है । ऐसा नहीं हैं कि आप इन बातों को नहीं जानते,आप जानी जान हैं। हमसे अधिक अनुभव और ज्ञान आपके पास है। अगर आप ने राजनीति में आना है तो हमारे कहने से रुकने वाले नही और नहीं आना तो किसी के कहने से आने वाले नहीं। आप को आप से ज्यादा और कौन जानता है। [फाईल फोटो]
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