श्रीगंगानगर के जिला कलेक्टर भवानी सिंह देथा ने कलेक्ट्रेट को अपनी निजी जागीर मानते हुए पुलिस अधिकारियो को पूरे साजो सामान के साथ कलेक्ट्रेट के सभी दरवाजों पर इस लिए तैनात कर दिया ताकि कोई पत्रकार ना आ सके। आज जैसे ही एक न्यूज़ चैनल का रिपोर्टर अन्दर जाने लगा उसे पुलिस एक थानाधिकारी ने रोक लिया और कहा कि आप अन्दर नहीं जा सकते डीएम के आदेश है। रिपोर्टर ने डी एम से रोक का सबब पूछा। जब उनके पास कोई जवाब नहीं था तो उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारी से बात करवाने को कहा। रिपोर्टर ने फ़ोन डी वाई एस पी श्री दीक्षित को दे दिया। तब डी एम ने रिपोर्टर को अन्दर आने के आदेश दिए। श्रीगंगानगर के इतिहास में यह पहला ऐसा डी एम है जिसने पत्रकारों पर कलेक्ट्रेट के अन्दर आने पर प्रतिबन्ध लगाया। न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर ने डी एम,डी वाई एस पी,तहसीलदार से पुलिस की तैनाती का विरोध किया और कहा कि इससे दोनों पक्षों के सम्बन्ध ख़राब होंगें। मगर जिला कलेक्टर ने इसकी कोई परवाह नहीं की। क्योंकि जिला कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट को अपनी निजी सम्पति समझ लिया है जहाँ कोई और चाहे कोई भी आए लेकिन पत्रकार नहीं। ज्ञात रहे कि बहुत सारे पत्रकार अपनी मांगों के लिए आन्दोलन कर रहें हैं। उन्होंने आज प्रदर्शन करना था। प्रदर्शन करने वालों में अधिकांश वे हैं जो हर रोज न्यूज़ एकत्रित करने के लिए कलेक्ट्रेट आते जाते हैं। आज जिला कलेक्टर ने उनको अन्दर आने से रोकने के लिए इतनी पुलिस लगाई जैसे कोई हिंसक आन्दोलन चलाने वाले नक्सलवादी आ रहें हों।
1 comment:
bahut achchca .....
jari rakhe
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