Monday, August 18, 2008
डॉक्टर के खिलाफ केस
श्री गंगानगर के डॉक्टर अजय मिश्रा के खिलाफ एक महिला ने केस दर्ज करवाया है। उसका आरोप है कि डॉक्टर ने उसके घायल बेटे का इलाज़ अडवांस रकम देने से पहले करने से इंकार कर दिया। उसने घायल को लगाई गई ऑक्सीजन हटा दी जी कारण उसके बेटे कि डेथ हो गई। इस घटना के बाद से गंगानगर में बवाल सा मच गया है। कांग्रेस के कई लीडर्स ने डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन लोगो ने पुलिस को तीन दिन के अन्दर डॉक्टर को अर्रेस्ट करने को कहा है। ऐसा न होने पर आन्दोलन किया जाएगा। इस से पहले इन लोगो ने डॉक्टर को गंगानगर से निकल जाने को कहा था। दूसरी और कई जात बिरादरी के के नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए आगे आ गए है। उन्होंने अजय मिश्रा कि वकालत की है। अगर इस मामले में जात बिरादरी आ गई तो मामला बिगड़ सकता है। क्योंकि जी डॉक्टर के यहाँ अजय मिश्रा कम करते है वह बनिया है और जिसका बेटा मरा है वह कोई और जाति का है। ऐसे में तो सब अपनी अपनी जाति के लिए आन्दोलन करने लग जायेंगे। इस प्रकार तो नगर का माहोल बिगड़ जाएगा। डॉक्टर नेता जी को गुंडा बता रहे है और लोग डॉक्टर को कसाई। ऐसे में बात बनती नजर नही आ रही। वैसे ये बात समझ् नही आ रही कि कांग्रेस की टिकट के दावेदारों को किस ने सलाह दी कि वे इस मामले को अपने हाथ में ले। दावेदार तो और भी है उन्होंने ने तो अपना मुह बंद कर रखा है। असली नेता तो वह होता है जो दोनों साइड को राजी रखकर वाहवाही ले।जोश में होश नही रहा कि टिकट मिल गई तो डॉक्टर के वोट कैसे आयेंगे. यहाँ तो सब उल्टा हो गया नेता जी को गुंडा कहा है तो उसका परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा। अंत में यही कि डरने कि कोई बात नही है ऐसे सभी मामलो में पहले भी राजीनामे हुए हुए है और अब भी होगा। पहले ऐसे मामले में हो हल्ला करने वाले एक्टिव हो चुके है उन्होंने डॉक्टर कि चोखट पर कई फेरे लगाये है। उनका कम यही है आग लगाना या लगवाना उसके बाद उसको बुझाने के लिए आगे आना। फिलहाल तो गर्मागर्मी है। गेंद अब डाक्टरों के पले में हो देखना है कि वे हमेशा कि तरह हथियार डालते है या अपनी ताकत दिखाते है।
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