श्रीगंगानगर-कुए में भांग पड़ना...इसे सुना तो जरूर है।
इसका मतलब क्या होता है...लिखना मुश्किल। शायद यही कि सब कुछ गडमड है। या फिर
सबसे एक से हैं...कुछ भी करो...किसी से भी कहो कोई अंतर
नहीं पड़ेगा। लाचारी...बेबसी... । चलो आगे
बड़े...सब समझ आ जाएगा। कुछ दिन पहले बीजेपी से आउट डेटेड...बढ़िया पढ़ाई किए हुए....समझदार व्यक्तियों को
संगीत को शौक लगा। गाने मेडिकल कॉलेज का राग। राग बढ़िया थी। कई और
व्यक्ति शामिल हो गए उनके साथ। संगीत का स्वभाव ही ऐसा है...दूर तक जाती है इसकी धमक। तो कांग्रेसी नेताओं के कानों में
भी पड़े मेडिकल कॉलेज के स्वर। उनको भी भा गया यह संगीत। वे भी आ गए सुर में सुर मिलाने के लिए। ताकि श्रीगंगानगर सर्वे में शामिल हो जाए,श्रेय उनके खाते में। बैठक हुई....मेडिकल कॉलेज के गीत के बारे में बताया
गया। डीएम भी कागज दिया गया।
डीएम को भी पसंद आ गया यह राग। कार्यवाही का भरोसा दिलाया। उत्साही मंत्री जी के
घर पहुँच गए उनको सुनाने। मंत्री जी सीधे देहाती....गीत
अच्छा लगा। मन में आई...ये तो मुख्यमंत्री को सुनाना चाहिए। मंत्री जी राजधानी पहुंचे और सुना दिया वही गीत मुख्यमंत्री को जो
उनको आउट डेटेड बीजेपी वालों ने सुनाया था। लाडले मंत्री ने सुनाया तो मुख्यमंत्री जी ने कान धरे। मुख्यमंत्री
ने गीत
के भाव भेज दिये जरूरी कार्यवाही के लिए। गंगानगर से भी आए पड़े थे। अफसरों को यह गीत कुछ सुना हुआ लगा.....फाइल देखी....आँख खुली....अरे ये तो पहले से ही हैं यहाँ पर। श्रीगंगानगर को तो इस गीत
की जरूरत नहीं...। अब आते हैं कुए में भांग पड़ने वाली बात पर। श्रीगंगानगर को
सर्वे में शामिल करवाने की मांग शुरू हो गई....सब लग गए...वे भी जो सरकार में थे और वो भी जिनके बारे में यह कहा जाता है कि वे सरकार के निकट हैं। वे भी जो
सरकार चलाते हैं। किसी को यह पता ही नहीं या किसी ने यह जानकारी लेने की जरूरत ही
नहीं समझी कि असलियत क्या है। सरकार कहती है कि श्रीगंगानगर को सर्वे की जरूरत ही
नहीं वह तो हकदार है मेडिकल कॉलेज का। हम सर्वे के गीत गा रहे हैं। सब के सब लग गए बिना जानकारी लिए। अब
ऊपर क्या इमेज बनी होगी गंगानगर की। अब जब गंगानगर
हकदार है तो सब चुप हो गए। दो लाइन पढ़ो... मेरी हंसी से मेरी हालत का
अंदाजा मत लगाना ,ये तो दर्द छिपाने के लिए ओठों पर आती है। [कचरा
पुस्तक से ]
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