--- -----चुटकी------
माना कि तुम दीप जला रही हो
दिवाली की खुशियाँ मना रही हो
क्या हाल होगा उसका, जरा सोचो
जिसको तुम भुला रही हो,
जला देना एक दीपक उसका भी
तुम्हारे दीपक के साथ जले वो भी
जिस तरह जलता है दिल मेरा
उसी तरह जिंदगी भर जले वो भी।
----गोविन्द गोयल
3 comments:
कौन है मुनिवर वो?? जरा खुलासा हो!! :)
बहुत सही!
अरे राम राम ये कौन है ? जो मुनिवर का ये हाल कर गई ? :)
जिसको तुम भुला रही हो,
जला देना एक दीपक उसका भी
Achi lagi ye panktiyan aapki Narad ji. Bhrman karte hue kabhi hamare blog par bhi padharein.
Post a Comment