Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Friday, October 3, 2008
फैशन के अंदाज
---- चुटकी----
फैशन के भी
देखो लफ़ड़े
कपड़े हैं
फ़िर भी
बिन कपड़े,
चमके फीगर
दिखे कटाव
ये कैसा फैशन
ये क्या चाव,
भाई की शर्म न
बाप का लिहाज
कलयुग में चला
ये कैसा रिवाज।
----गोविन्द गोयल
1 comment:
दिनेशराय द्विवेदी
said...
क्या हमहीँ बताएँ?
Fri Oct 03, 07:57:00 AM GMT+5:30
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1 comment:
क्या हमहीँ बताएँ?
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