Saturday, October 18, 2008
होमलैंड ने डाली नई परम्परा
श्रीगंगानगर भारत-पाक सीमा से बस चंद किलोमीटर दूर है। श्रीगंगानगर का पडौसी है भारत की आन बान शान पंजाब। महाराजा श्री गंगा सिंह जी के नाम से इसका नामकरण श्रीगंगानगर हुआ। श्रीगंगानगर के बीच में से होकर गुजरता है नेशनल हाईवे नंबर १५। श्रीगंगानगर की स्थापना १९२७ में हुई। श्रीगंगानगर अपने आप में हर लिहाज से अनूठा नगर है। इस में एक और अनूठा है " होमलैंड चार"। चार साल पहले तक एग्रीकल्चर प्रधान इस जिला मुख्यालय पर इस प्रकार के नगर नियोजन की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। लगभग ६० हेक्टेयर में फैला होमलैंड सिटी श्रीगंगानगर की पहचान बन चुका है। इस शानदार नगर में स्कूल,हॉस्पिटल,मन्दिर,फिल्टर ट्रीटमेंट प्लांट,सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पुरी तरह स्थापित हो चुके हैं। मुख्य द्वार की तो बात ही निराली है। यहाँ होता हैं हर पल सुरक्षा प्रहरी। अब होमलैंड सिटी कॉमर्सियल मॉल बनाने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है। होमलैंड को यहाँ पहली प्राइवेट कालोनी बनाने का गौरव मिला इलाके को मिला प्रोपर्टी बाज़ार। वह भी कोई छोटा नहीं बहुत बड़ा। वर्तमान में श्रीगंगानगर में प्रोपर्टी का कारोबार अरबों रूपये का है। जब से होमलैंड सिटी बनी है तब से नेशनल हाईवे के दोनों तरफ़ की जमीन के दाम इतने हो गए जितने किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। श्रीगंगानगर के प्रोपर्टी बाज़ार में केवल श्रीगंगानगर के ही नहीं महानगरों में प्रोपर्टी का काम करने वालों ने भी निवेश कर रखा है।
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