करवा चौथ का व्रत है। सजनी के साजन प्रदेश में है। ऐसे में वह इन्टरनेट पर अपने साजन का मुखड़ा देख कर अपना व्रत खोलती है। इस मौके पर उनके बीच कुछ संवाद होता है। यही संवाद है तीन चुटकियों में।
------ चुटकी------
सजनी के प्यारे सजना
चले गए प्रदेश,
सजनी ने खोला व्रत
मुखड़ा इन्टरनेट पर देख।
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सजनी के प्यारे सजना ने
भेजा है संदेश,
तुम्हारे लिए मैं क्या लाऊं
दे दो ई मेल आदेश।
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साजन की प्यारी सजनी ने
भेज दिया संदेश ,
रुखी सूखी खा लेंगे
आ जाओ अपने देश।
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-----गोविन्द गोयल
8 comments:
ये चुटकियां भी जीवन के यथार्थ के दर्शन का दर्शन कराती है.वस्तुस्थिती यह है, कि उत्तर प्रदेश , बिहार आदि प्रदेश में रोज़गार के लिये साजन को बाहर जाना ही पड़ता है.सजनी की दृष्टि से देखने का यह पहला प्रयास, और यह अहसास हमें कराने का जतन, कि..
मुख्तसर सी बात है,
तुमसे प्यार है,
तुम्हारा ......... , इन्तज़ार है......
वाह..बहुत ही सुंदर.यह सिर्फ़ व्यंग्य ही नही रहा ,बल्कि एक त्रासद सत्य भी है.रोजी रोटी के लिए घर परिवार से दूर रह रहे पीड़ित ह्रदय की गाथा है.
इतने सिमित कलेवर में बहुत कुछ लिख दिया,बहुत बहुत सुंदर.बधाई..
साजन के लिए व्रत रखा, साजन को गए भूल, ये है लिव इन रिलेशन की जिन्दगी, फ़िर क्यों कहते हो भूल... लगे रहो मुनिवर जय हो............
साजन के लिए व्रत रखा, साजन को गए भूल, ये है लिव इन रिलेशन की जिन्दगी, फ़िर क्यों कहते हो भूल... लगे रहो मुनिवर जय हो............
aapka aagaman mujhe dhanay kar gya
साजन की प्यारी सजनी ने
भेज दिया संदेश ,
रुखी सूखी खा लेंगे
आ जाओ अपने देश।
wah muni ji
aap ka jawab nahi
regards
बहुत अच्छी चुटकियाँ हैं.
लिव-इन में कौन रखेगा व्रत?
सजनी के प्यारे सजना
चले गए प्रदेश,
सजनी ने खोला व्रत
मुखड़ा इन्टरनेट पर देख।
" ha ha ha ha ha ha ha mind blowing, thanks to internet otherwise chand se hee ..."
Regards
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