श्रीगंगानगर। स्वामी ब्रह्मदेव कहते हैं कि शब्दों का प्रयोग
बड़ी सूझ से करना चाहिए। इनका प्रयोग करने से पहले ये देख लेना चाहिए कि लिखे और बोले
गए शब्द आग लगाने वाले ना हों। स्वामी जी आज सुबह कंगन पैलेस मेँ “ सुरम्या “ अखबार
के विमोचन समारोह मेँ मुख्य वक्ता के रूप मेँ बोल रहे थे। उन्होने कहा, शब्दों
के कई रूप होते हैं। वे उत्तेजित मन को शांत करने की ताकत रखते हैं तो शांत मन को अशांत
भी कर सकते हैं। शब्दों के संसार मेँ विचरण करते हुए स्वामी जी ने कहा कि बुरी सोच
और पैर की मोच इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती। उन्होने रूहानियत को आत्मा की खुराक बताया।
सुरम्या की व्याख्या की। उसकी थीम की सराहना की। प्रकाशित सामग्री को बहुत ही सारगर्भित
बताया। श्रीगंगानगर क्षेत्र और उनके निवासियों की प्रशंसा करते हुए स्वामी जी ने कहा
कि इस शहर ने मुझे बहुत कुछ दिया है। अब तो यह जीवन इसी को अर्पित कर दिया है। झांकी
वाले बाला जी के प्रेम अग्रवाल “ गुरु जी “ ने अपने सम्बोधन मेँ सुरम्या की सोच की
सराहना की। भटिंडा से आए अंक ज्योतिषी हरविंदर गोयल ने शुभकामना देते हुए सहयोग का
वादा किया। पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर ने बधाई देते हुए मीडिया की वर्तमान स्थिति पर पीड़ा व्यक्त
की। आरएसएस के कैलाश भसीन ने मीडिया के कारोबारी हो जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए
सुरम्या से कारोबार से बचाने की सलाह दी। यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार गौड़ ने
अखबार को कठिन रास्ता बतलाते हुए मंगल कामना दी। मंच पर स्वामी ब्रह्मदेव जी के साथ हरविंदर गोयल, प्रेम अग्रवाल और नेमी चंद गोयल मौजूद थे। मेहमानों का गोयल परिवार की ओर
से नेमी चंद गोयल, इन्द्र कुमार गोयल, भगवान
दास गर्ग, आशु अग्रवाल, सुमित गर्ग, एडवोकेट संजय गोयल, मोहित नारायण गोयल और शिव जालान
ने फूल माल पहना स्वागत किया। संचालन अखबार
की संपादक स्वाति गोयल ने किया। सलाहकार गोविंद गोयल ने अखबार की थीम बताई। प्रभारी
संपादक उपेंद्र महर्षि ने धन्यवाद दिया। समारोह मेँ बड़ी संख्या मेँ नगर के विभिन्न
क्षेत्रों से जुड़े व्यक्ति मौजूद थे। प्राचीन
शिवालय के महंत कैलाश नाथ जी ने सुबह घर पहुँच आशीर्वाद दे अखबार की थीम पर चर्चा की।
सुरम्या परिवार के अनुसार स्वास्थ्य, धर्म और अध्यात्म का सुरम्या
फिलहाल पाक्षिक के रूप मेँ प्रकाशित होगा। पूजा और नमाज- रविवार को सुबह गोविंद
गोयल के निवास पर पंडित जनार्दन शर्मा ने सुरम्या अखबार की पूजा करवाई। दोपहर बाद वहीं
रोड़ावाली गाँव के मौलवी इमदाद भाई ने नमाज अता की। वे शुभकामना देने आए थे कि नमाज
का समय हो गया। फिर उन्होने वहीं नमाज पढ़ी।
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