Thursday, December 31, 2009
मीडिया में नकारात्मक सोच को बढ़ावा
दुनिया भर में सकारात्मक सोच के पाठ पढाये जाते हैं। सेमीनार होते है। पता ही नहीं कितने ही आदमी इस सब्जेक्ट पर लिखकर नाम,दाम कमा चुके। यह सिलसिला समाप्त नहीं हुआ है। इसके बावजूद सब तरफ नकारात्मक सोच का बोलबाला है। कोई भी अख़बार चाहे वह कितने ही पन्नों का हो,उठाकर देखो,पहले से अंतिम पेज तक,आपको नकारात्मक समाचारों का जमघट मिलेगा। पोजिटिव समाचार होगा किसी कोने में। वह भी दो चार लाइन का। इसलिए नए साल में सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि आज से क्या अभी से केवल और केवल नेगेटिव काम ही करेंगे। जिस से हमारा भी नाम सुर्ख़ियों में रहे। हम भी यह बात साबित कर सकें कि बदनाम होंगे तो क्या नाम नहीं होगा। होगा,जरुर होगा। सभी को नया साल मुबारक। हैपी न्यू इयर में सभी को हैपी हैपी न्यूज़ मिलती रहे।
Sunday, December 27, 2009
गुरु, हो जाओ शुरू
शिबू सोरेन
अब
हो जाओ
शुरू जी,
भाजपा ने भी
मान लिया
अब तो
आपको गुरु जी।
Thursday, December 24, 2009
तुझ को हारना है
नेता जी जीतेंगे
तुझे हारना है,
फिर भी
तुझे इस खेल को
लोकतंत्र के नाम से
पुकारना है।
Tuesday, December 22, 2009
मिल के बजाओ ताली
जिनके भी हैं
पेट खाली,
सब मिल के
बजाओ ताली,
नेता जी को मिलेगी
बारह रूपये में
भोजन की थाली।
Sunday, December 20, 2009
निजी क्षेत्र से करप्सन
इस सब्जेक्ट पर यहाँ एक बड़ी वाद-विवाद प्रतियोगिता है।
आपके विचार हमारा मार्ग दर्शन करेंगे।
Saturday, December 19, 2009
Thursday, December 17, 2009
सवाल है जवाब नहीं
सवाल ये कि राहगीर ने अपने विवाहित होने का क्या सबूत दिया,जिससे महिला संतुष्ट हो गई।
यह बात जिस ने मुझे बताई उसने उत्तर नहीं बताया। अब मुझे इस सवाल के उत्तर की तलाश है। आख़िर वह क्या सबूत था जो राहगीर ने अपने आप को विवाहित साबित करने के लिए दिया।
Wednesday, December 9, 2009
खबर,मज़बूरी,व्यवसाय या लल्ला चप्पी
अब ऐसा करना आज के दौर में मज़बूरी है या यह सब उनका व्यवसाय इस बारे में तो हम कुछ भी नहीं कह सकते। कुछ ना कुछ तो होगा ही चाहे वह लल्ला चप्पी ही क्यों न हो। ख़बर है तो फ़िर हमें भी समय के साथ चलना पड़ेगा। वरना यहाँ तो वजूद बचाना मुश्किल हो जाएगा। चलो यह कुछ भी हो, हमारी ओर राजेश यादव को जन्म दिन की बधाई।
Tuesday, December 8, 2009
ये तो होना ही है
हे, मेरे देश के नेताओं इतना तो बता दो कि हिंदू इस देश में रह सकता है या नहीं। जिस प्रकार के हालत नेता पैदा कर रहें हैं उस से तो ऐसा लगता है कि जम्मू -कश्मीर की भांति हिंदुस्तान से भी हिन्दुओं के पलायन करने का समय आने वाला है। युवराज ने चेता दिया,आगे आपकी मर्जी।
आज हिन्दुओं की परवाह किसी को नहीं है। एक भी नेता,पार्टी उनकी वक्त,बेवक्त की मौत पर अपने "आंसू" नहीं बहाती। कोई दूसरी जात का मरे तो पूरी सरकार,उसके छोटे बड़े नेता शर्मिंदगी जताते हैं। उनके चरणों में बैठ कर "दया"[ वोट] की भीख मांगते हैं। कैसी विडम्बना है कि हिंदुस्तान में हिन्दुओं को ही धीरे धीरे दूसरे,तीसरे दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है। एक भी नेता,पार्टी उसके हक़ में नहीं है। कोई हक़ में आने के लिए कदम बढाता है तो उसको साम्पर्दायिक कह कर गाली दी जाती है। मुस्लिम हित की बात करने वाला यहाँ सच्चा-सुच्चा धर्मनिरपेक्ष बताया जाता है। सच में मेरा[पता नहीं है कि नहीं] भारत महान ।
Monday, December 7, 2009
वेश्यावृति त्यागने वाली युवतियों से शादी
वेश्यावृति के अभिशाप से मुक्त होने वाली युवतियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए तीन चरण निर्धारित किए गए हैं। पहले चरण में देश के विभिन्न भागों में टीमे भेजी गई हैं। जो वेश्यावृति के अभिशाप से मुक्त होने की इच्छुक महिलाओं को लेकर आएगी। दूसरे चरण में इन युवतियों की चिकित्सीय जाँच व उपचार की व्यवस्था की जाएगी। पूर्ण रूप से स्वस्थ युवती की ही शादी करवाई जाएगी। अगर किसी युवती में एड्स जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दिए तो उसके उपचार के सभी प्रबंध किए जायेंगे। यह जानकारी डेरा के प्रवक्ता डॉ०पवन इंसा ने दी।
---दैनिक प्रशांत ज्योति, श्रीगंगानगर से साभार।
Wednesday, December 2, 2009
फ़िर पुरानी बात,पुराने घाव
नीयत ख़राब थी
मधु कोड़ा
बेहिसाब जोड़ा,
नीयत
ख़राब थी
इसलिए
यह भी लगा थोड़ा।
Tuesday, December 1, 2009
मजबूर जी कहते हैं
तू नहीं तो तेरा ज़िक्र क्या।
------
सीधे आए थे मेरी जां,औन्धे जाना
कुछ घड़ी दीदार और कर लूँ।
----
ये कहना है श्री रवीन्द्र कृष्ण मजबूर का।
Saturday, November 21, 2009
Thursday, November 19, 2009
भारत के खिलाफ प्रपंच
---- चुटकी----
ओबामा सरपंच
चीन पंच,
भारत के खिलाफ
शुरू हो गया
नया प्रपंच।
Tuesday, November 17, 2009
इतनी चिंता,इतना प्यार.
आप भी हो गए ना हैरान,परेशान।ऐसे देवता तुल्य इन्सान इस धरती पर! साथियों,साथिनों ऐसा कुछ भी नहीं है। यह सब चुनाव जीतने के लिए हो रहा है। यहाँ नगर परिषद् के चुनाव है। ऐसा हर चुनाव में होता है। चलो छोड़ो "मजबूर" को पढो--
गंदगी पसंद है
न बंदगी पसंद है
दूध सी धुली-धुली
फूल सी खिली-खिली
प्यार में घुली-घुली
ज़िन्दगी पसंद है,
दोस्ती शर्त है
दोस्ती उसूल है
दोस्ती कुबूल है
रिश्ता गर्ज़-फ़र्ज़ का
बोझ है फुज़ूल है
वफ़ा नहीं तो कुछ नहीं
अपनी भी सौगंध है।
Monday, November 16, 2009
ये तो अन्याय है
Sunday, November 15, 2009
राजनीति ने तोड़े रिश्ते
जो बहु बीजेपी की उम्मीदवार है वह पहले कांग्रेस की टिकट मांग रही थी। कांग्रेस ने नहीं दी तो बीजेपी के दरबार में चले गए।
Tuesday, November 10, 2009
Monday, November 9, 2009
क्या पाया पाप कमा के
तेरे यहाँ
होते हैं
अब तो
रोज धमाके,
बता तो सही
पाक
तूने क्या पाया
पाप कमा के
Friday, November 6, 2009
प्रभाष जोशी को नमन
Sunday, November 1, 2009
घर से चाँद तक रोड
विष्णु जी--लल्लू मैं तुम्हारी भक्ति से खुश हूँ,वर मांगो।
लल्लू-- भगवन, मेरी चाँद पर जाने की इच्छा है। मेरे घर से चाँद तक रोड बना दो।
विष्णु जी--हमारे विधान के अनुसार यह सम्भव नहीं है, कोई और वर मांग लो वत्स।
लल्लू --ठीक है। मेरी बीबी को मेरी आज्ञाकारी बना दो।
विष्णु जी--रोड सिंगल चाहिए या डबल।
Saturday, October 31, 2009
कनस्तर का आटा
जब से ख़त्म
हुआ है
कनस्तर में आटा,
तब से
पसरा हुआ है
घर में सन्नाटा।
Tuesday, October 27, 2009
मायका है एक सुंदर सपना
Saturday, October 24, 2009
बीजेपी की पिटाई
कांग्रेस
आई,
भाजपा की
पिटाई,
चौटाला की
लाज बची,
हुड्डा की
खिंचाई।
--------
भक्त जनों कई दिन से अपने प्रदेश की राजधानी गया हुआ था। इस लिए यहाँ से गायब रहा। कोशिश रहेगी आपके साथ हर पल जुड़े रहने की। नारायण नारायण ।
Monday, October 19, 2009
अपमान को कर कैश
जिंदगी में
चाहता है
अगर तू
हर पल ऐश ,
स्वाभिमान को
भूल जा,
अपमान को
कर कैश।
Sunday, October 18, 2009
राम-राम,राम-राम

इस धरा पर रहने वाले सभी जीवों को, जड़ को, चेतन को, अवचेतन को दिवाली की राम-राम। तस्वीर बीबीसी से साभार ली गई है। बीबीसी का धन्यवाद करता हूँ।
Saturday, October 17, 2009
तालिबान का क्या कसूर
---- चुटकी----
बेचारे तालिबान का
इसमे क्या कसूर,
जिसने जो बोया
वह,वही काटेगा
यही तो है
प्रकृति का दस्तूर।
Friday, October 16, 2009
जो बोया वही काटेंगे
Thursday, October 15, 2009
छोटों का बड़ा काम
Wednesday, October 14, 2009
बताओ तो बात बने
हम तो बजा रहे हैं बीन
तेरी जो मर्जी हो
वो कर ले चीन,
हमारी ओर से
डोंट वरी
हम तो
बजा रहें हैं बीन।
Sunday, October 11, 2009
बच गए महात्मा गाँधी
बराक ओबामा को नोबल पुरस्कार की घोषणा के बाद अब यह बात मीडिया में आ रही है कि हाय हमारे गाँधी जी को यह ईनाम क्यों नहीं मिला। कोई इनसे पूछने वाला हो कि भाई क्या हमारे गाँधी जी को उनके शान्ति के प्रयासों के लिए किसी नोबल ईनाम वाले प्रमाण पत्र की जरुरत है! गाँधी जी तो ख़ुद एक प्रमाण थे शान्ति के, अहिंसा के। उनको किसी ईनाम की आवश्यकता नहीं थी। बल्कि नोबल शान्ति पुरस्कार को जरुरत थी गाँधी जी की चरण वंदना करने की। तब कहीं जाकर यह नोबल और नोबल होता। गाँधी जी तो किसी भी पुरस्कार से बहुत आगे थे। इसलिए यह गम करने का समय नहीं कि गाँधी जी को यह ईनाम नहीं मिला। आज तो खैर मनाने का दिन है कि चलो बच गए। वरना बराक ओबामा और गाँधी जी का नाम एक ही पेज पर आता, शान्ति के पुजारी के रूप में। नारायण नारायण।
Saturday, October 10, 2009
बराक ओबामा को ईनाम
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा,
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा
कमाल है! हर जगह हमारी जैसी ही है सरकार।
Wednesday, October 7, 2009
मेक-अप में उलझी रही
करवा चौथ का
रखा व्रत,
कई सौ रूपये
कर दिए खर्च,
श्रृंगार में
उलझी रही,
घर से भूखा
चला गया मर्द।
Tuesday, October 6, 2009
करवा चौथ के पाँच व्रत
Monday, October 5, 2009
आ जाओ अपने देश
सजनी के प्यारे सजना
रहते हैं परदेश,
वहीँ से भेजा सजना ने
सजनी को संदेश,
तुम्हारे लिए मैं क्या भेजूं
दे दो ई मेल आदेश,
साजन की प्यारी
सजनी ने
भेज दिया संदेश,
रुखी-सूखी खा लेँगे
आ जाओ अपने देश।
Friday, October 2, 2009
महात्मा गाँधी कौन है?
कौन ! महात्मा गाँधी
हम नहीं जानते हैं,
हम तो राहुल गाँधी को
अपना आदर्श मानते हैं,
एक यही गाँधी हमें
सत्ता का स्वाद चखाएगा,
महात्मा तो बुत है,
तस्वीर है,विचार है,
यूँ ही
पड़ा,खड़ा सड़ जाएगा।
Wednesday, September 30, 2009
नो मरे,२८ घायल
Monday, September 28, 2009
मैडम की भक्ति में मनमोहन मस्त
महंगाई के रावण से
जनता हो गई त्रस्त,
मैडम की भक्ति में
मनमोहन जी मस्त,
उनकी कुर्सी बची हुई है
भज मैडम का नाम,
रावण का वध करने को
अब,कहाँ से लाएं राम।
Sunday, September 27, 2009
मासूम उमर, पथरीली डगर
Friday, September 25, 2009
केवल पिसे गरीब
चलती चक्की देख कर
दिया कबीरा रोए,
दो पाटन के बीच में
साबुत बचा न कोए।
आज के संदर्भ में ---
चलती चक्की देखकर
अब रोता नहीं कबीर,
दो पाटन के बीच में
अब केवल पिसे गरीब।
Wednesday, September 23, 2009
उदास उदास थरूर
मैडम ने
उतार दिया
सारा सरुर,
उदास उदास
घूमते हैं
अब
शशि थरूर।
देश का सौदा कर प्यारे
गाँधी जी के
पद चिह्नों पर चल प्यारे,
दूसरा गाल भी
चीन के आगे कर प्यारे।
अहिंसा परमो धर्म है
रटना तू प्यारे,
एक तमाचा और
तुम्हारे जब मारे।
ये बटेर हाथ में
तेरे फ़िर नहीं आनी है,
लगे हाथ तू
देश का सौदा कर प्यारे।
Tuesday, September 22, 2009
दिल में उतर जाने की कला
आपको हर दिल में
समा जाने की
कला आती है,
हमको आपकी
यही अदा
खूब भाती है।
Sunday, September 20, 2009
श्रीगंगानगर टैक्स बार को सलाम
एक एडवोकेट की मौत हो गई। अब अन्य एडवोकेट तो यही सोचेगें कि उसके क्लाइंट हमारे पास आ जाएं। यह तब तो और भी अधिक होता है जब मरने वाले वकील के यहाँ कोई ऐसा उत्तराधिकारी नहीं होता जो उसका काम संभाल सके। किन्तू श्रीगंगानगर टैक्स बार संघ अब ऐसा नहीं होने देगा। इसी सप्ताह संघ के मेंबर वकील हनुमान जैन का निधन हो गया। इनके पिता जी भी नहीं है। बेटा वकालत कर रहा है। इस स्थिति में श्री जैन के क्लाइंट इधर उधर हो जाने स्वाभाविक हैं। इस से श्री जैन का पूरा काम समाप्त हो जाने की आशंका थी। टैक्स बार संघ ने बहुत ही दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय किया। अब कोई दूसरा वकील वह फाइल नहीं लेगा जो हनुमान जैन के पास थी। संघ श्री जैन के बेटे का कर सलाहाकार के रूप में पंजीयन करवाएगा। संघ की ओर से चार वकील उसके मार्गदर्शन,काम सिखाने,समझाने और क्लाइंट को संतुष्ट करने के लिए हर समय तैयार रहेंगें। जिस से कि कोई क्लाइंट किसी अन्य वकील के पास जाने की न सोचे या उसे दूसरे के पास जाने की जरुरत ना पड़े। इसके बावजूद अगर कोई क्लाइंट अपनी फाइल श्री जैन से लेकर अन्य को देना चाहे,आयकर,बिक्रीकर की रिटर्न भरवाना चाहे तो वकील ऐसा कर देंगे किन्तू उसकी फीस श्री जैन के उत्तराधिकारी उसके बेटे को दी जायेगी। टैक्स बार श्री हनुमान जैन को तो वापिस नहीं ला सकता लेकिन उसने इतना जरुर किया जिस से उनके परिवार को ये ना लगे कि वे इस दुःख की घड़ी में अकेले रह गए। वकील समुदाय उनके साथ खड़ा है।
वर्तमान में एक दूसरे को काटने,काम छीनने,नीचा दिखाने की हौड़ लगी है तब कुछ अच्छा होता है, अच्छा करने के प्रयास होते हैं तो उनको सलाम करने को जी चाहता है। नारदमुनि तो टैक्स बार के अध्यक्ष ओ पी कालड़ा,सचिव हितेश मित्तल,संयुक्त सचिव संजय गोयल सहित सभी पदाधिकारियों को बार बार सलाम करता है। उम्मीद है कि उनकी सोच दूर तक जायेगी। देश के दूसरे संघ भी इनसे प्रेरणा लेंगे।
Saturday, September 19, 2009
मां के नाम नारदमुनि का पैगाम

Thursday, September 17, 2009
Monday, September 14, 2009
भारत रत्न जयराम रमेश को
ख़बर--केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) जयराम रमेश ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य देव भगवान शंकर के समान बताकर एक और अनावश्यक विवाद तो खड़ा किया ही है, हजारों साल पुरानी भारतीय संस्कृति के अपमान का अक्षम्य अपराध भी किया है। श्री रमेश ने शनिवार को अपनी भोपाल यात्रा के दौरान महात्मा गान्धी की तुलना ब्रह्मा और नेहरूजी की तुलना भगवान विष्णु से कर डाली।
---- चुटकी----
गाँधी ब्रह्मा
नेहरू विष्णु
जिन्ना महेश,
आपका तो
भारत रत्न
पक्का हुआ
जयराम रमेश।
Sunday, September 13, 2009
धन्य हमारे नेता
पाक ने
भारत पर
रॉकेट दागे,
धन्य हमारे
नेता, जो
फ़िर भी
नहीं जागे।
Saturday, September 12, 2009
हो जाते हैं फुर्र
चिदम्बरम ने
न्यूयार्क में सीखे
सुरक्षा के गुर,
भारत आते ही
सब के सब
हो जाते हैं फुर्र।
Friday, September 11, 2009
था,है और रहेगा ओसामा
जब तक
पाक है
तब तक
रहेगा ओसामा,
कुछ भी
कर ले भारत
चाहे कुछ भी
कर ले ओबामा।
Thursday, September 10, 2009
सत्ता का गरूर
महंगे
होटल में
रहतें हैं
एस एम कृष्णा
शशि थरूर,
इसे ही तो
कहते हैं
सत्ता का गरूर।
Wednesday, September 9, 2009
ये क्या हो रहा है
भारत में
ये,हो क्या
रहा है
बाबू,
सरकार के
तो कुछ भी
नहीं आ रहा
काबू।
Tuesday, September 8, 2009
Monday, September 7, 2009
ऐ भाई, जरा बच के चलो
Saturday, September 5, 2009
टैंक की सवारी का आनंद
Friday, September 4, 2009
एक दिन सेना के साथ
Thursday, September 3, 2009
गणपति बप्पा की विदाई
Wednesday, September 2, 2009
अच्छी बात,बुरी बात
वैज्ञानिक के० संथानम ने भारत द्वारा किए गए परमाणु विस्फोट पर सवालिया निशान लगा दिया। इस से ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है। एक निरक्षर परिवार भी अपने घर की कमजोरी को बाहर उजागर नहीं करता। यहाँ देश के जाने माने लोग हिंदुस्तान को "मेरा भारत महान" बनाने में लगे हुए है। देश के दुश्मनों के लिए इस से बढ़िया ख़बर और क्या हो सकती है। एक नेता जिन्ना की तारीफ करता है,एक वैज्ञानिक परमाणु विस्फोट की सफलता पर सवालिया निशान लगाता है। इसे भाई चारा तो कह ही सकते हैं।
अब परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व मुखिया होमी नुसरवानजी सेठना जी भी संथानम जी के साथ भाई चारा दिखाते हुए कह रहें हैं कि १९९८ का परमाणु परीक्षण विफल हो गया था। श्री सेठना तो ये भी कहतें है कि प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक ऐ पी जे अब्दुल कलाम विस्फोटकों के दोहन और विकास के बारे में कुछ नहीं जानते।
इन महान लोगों की बात कितनी सच है वही जानें। लेकिन क्या यह सब बोलना देश के हित में है? ये तो बहुत ऊँचे स्तर पर अपनी बात मजबूती से रख सकते हैं। सरकार बड़े बड़े वैज्ञानिकों को उनके साथ लगाकर सच्चाई का पता लगा सकती है। उनके इस प्रकार से करने की क्या जरुरत पड़ी?
वैसे एक बात है, इस देश में,वह यह कि रिटायर होने के बाद हर कोई अपने विभाग की, देश की, व्यवस्था की आलोचना शरू कर देता है। उस से पहले वह सरकारी सुविधाएँ भोगता है। बात वही कि हम सब बुरी बात तो झट से बोल देते हैं।
Tuesday, September 1, 2009
बड़ी विदाई की तैयारी
बीजेपी में
जोर शोर से
मिलने-मिलाने का
दौर जारी है,
लगता है
किसी बड़ी
विदाई की
तैयारी है।
Monday, August 31, 2009
अब और सुनो जनाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला पत्रकार के बैग में से सामान गायब हो गया। दो पत्रकारों ने एक दम्पती के बेडरूम की विडियो तैयार कर उसकी ख़बर बना टीवी पर चला दी। अब तीसरी बात हम बतातें हैं। श्रीगंगानगर के अनूप गढ़ कस्बे में एक पत्रकार के कारण हंगामा मच गया है। इस पत्रकार ने चिकित्सा विभाग को शिकायत की कि एक डॉक्टर ने लैब संचालक से मिलकर छः बच्चों को एच आई वी वाला रक्त चढा दिया। शिकायत ही ऐसी थी, हंगामा मचना था। मगर तुंरत हुई जाँच में पता लगा कि किसी को ना तो एच आई वी वाला रक्त चढाया गया ना किसी एच आई वी बीमारी वाले आदमी ने रक्त दिया। जाँच से पहले ही न्यूज़ चैनल वालों ने इसको लपक लिया। पता नहीं किस किस हैडिंग से ख़बर को चलाया गया। हमने चिकित्सा विभाग से जुड़े अधिकारियों से बात की। सभी ने कहा कि एच आई वी रक्त चढाने वाला मामला है ही नही। लेकिन अब क्या हो सकता था। पत्रकार अपना काम कर चुका था। टी वी न्यूज़ चैनल जबरदस्त तरीके से ख़बर दिखा और बता रहे थे। पुलिस ने लैब संचालक को हिरासत में ले लिया। डॉक्टर फरार हो गया। और वह करता भी क्या। जिस कस्बे की यह घटना है वहां ब्लड बैंक नहीं है। बतातें हैं कि जिस पत्रकार ने यह शिकायत की,उसके पीछे कुछ नेता भी हैं। मामला कुछ और है और इसको बना कुछ और दिया गया है। अब डॉक्टर के पक्ष में कस्बे के लोगों ने आवाज बुलंद की है। करते रहो, बेचारा डॉक्टर तो कहीं का नहीं रहा।
चलो, जो कागज चला है उसका पेट तो भरना ही होगा। मगर अब यह बहस तो होनी ही चाहिए कि किसी मरीज की जान बचाने के लिए उस वक्त मौके पर डॉक्टर को क्या करना चाहिए थे और उसने वह किया या नहीं। अगर उसने वह नहीं किया जो करना चाहिए था तो वह कसूरवार है। अगर किया तो फ़िर किस जुल्म की सजा। अगर डॉक्टर मरते मरीज को खून नहीं चढाता तो हल्ला मचता। रोगी के परिजन उसका हॉस्पिटल तोड़ देते। डॉक्टर अपनी जान बचाने के लिए रोगी को बड़े शहर के लिए रेफर कर देता तब भी ऐसा ही होना था। क्योंकि तब तक देर हो चुकी होती। डॉक्टर के लिए तो इधर कुआ उधार खाई होती।
यहाँ बात किसी का पक्ष करने की नहीं। न्याय की है। न्याय भी किसी एक को नहीं,सभी पक्षों को। एक सवाल यहाँ आप सभी से पूछना पड़ रहा है।
सवाल--एक मौके पर ऐसा हुआ कि पचास व्यक्तियों की जान बचाने के लिए एक आदमी को मरना/या मारना पड़ रहा था। आप बताओ, अब कोई क्या करेगा? जवाब का इंतजार रहेगा।
Saturday, August 29, 2009
एनसीसी कैडेट या वेटर?कमेंट्स प्लीज़
Friday, August 28, 2009
गणपति बप्पा और फिल्मी सितारे

Tuesday, August 25, 2009
कटी पतंग की किस्मत
कटी पतंग की किस्मत
या तो निरर्थक
हवा में उडेगी,
या किसी पेड़ पर
लटकी रहेगी
उलटी-सीधी,
या फ़िर एक साथ
कई लोग उस पर
झपट्टा मारेंगें
उसको अपने कब्जे में
करने के लिए,
छीना झपटी में
वह हमेशा की तरह
तार तार हो जायेगी,
अब बीजेपी नामक
नई कटी पतंग
का क्या होगा
यह उसकी
लीडरशीप बताएगी।
Monday, August 24, 2009
पाक चले जाओ
कंधार के अपने
सम्बन्धों का
फायदा उठाओ,
अपना टैलेंट यहाँ
क्यों बरबाद करते हो
जसवंत जी,
आप तो तुंरत
पाक चले जाओ।
Sunday, August 23, 2009
विदेशी लीडर का इंतजाम
देसी लीडर तो
अब
नहीं आ रहे काम,
भाजपा को भी
करना चाहिए
एक
विदेशी लीडर का इंतजाम।
Saturday, August 22, 2009
गणपति बाबा जी
Friday, August 21, 2009
बीजेपी-कांग्रेस,कोई फर्क नहीं
भाजपा कहो
या फ़िर कहो
कांग्रेस आई,
नाम के अलावा
दोनों में अब
कोई
फर्क नहीं है भाई।
Tuesday, August 18, 2009
बिग बी की धमकी,खान के नखरे
अब बात शाहरुख़ खान की। उनसे पूछ ताछ क्या हो गई जैसे उनकी दुनिया उजड़ गई। वो अमेरिका है। वहां इंसान की हैसियत देख कर कानून को काम में नहीं लिया जाता। कानून के हिसाब से आदमी से बरताव किया जाता है। भारत में आदमी की पोस्ट और हैसियत के अनुसार कानून काम करता है। जितना बड़ा आदमी का कद कानून की पालना में लगे लोग कानून को उतना ही छोटा कर देते हैं। विदेशों में ऐसा नहीं होता तो भारत वालों को तकलीफ होती है। कानून तो वही होता है जो सबके साथ बराबरी से पेश आए। शाहरुख़ खान को अमेरिकी कानून का सम्मान करते हुए सहयोग करना चाहिए था। इस से उनका सम्मान और बढता। बड़ा होना अच्छी बात है,बडापन दिखाना और भी अच्छा। सब जानते हैं कि बड़े तो बस दही में पड़े होते हैं।
Sunday, August 16, 2009
अब बाबर में दिखाएंगें अपनी प्रतिभा
श्रीगंगानगर के लोग हर क्षेत्र में आगे है। यहाँ के युवा उभरते सितारे सुरेश शाह [सोहम शाह] ने "बाबर" फ़िल्म से सपनों की दुनिया बौलीवुड अपने कदम रखे हैं। यह फ़िल्म रिद्धी-सिद्धीप्रोडक्शन का पहला प्रयास है। रिद्धी-सिद्धी इस इलाके में जाना माना नाम है। इस नाम से यहाँ एक शानदार नगर बसा हुआ है। इसी नगर को बसाने वाले शाह परिवार के सुरेश शाह ने इस फ़िल्म में टाइटल रोल किया है। यह फ़िल्म सुरेश शाह के एक्टिंग कैरियर की लौन्चिंग पैड कही जा सकती है। फ़िल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर रफीक कुरैशी की जिंदगी से मिलती जुलती है। इसमे सुरेश शाह ने अंग्री यंगमैन की भूमिका निभाई है। प्रोड्यूसर मुकेश शाह के अनुसार दो साल की अवधि में यह फ़िल्म बनकर पूरी हुई है। उनका कहना था कि संभवतय २८ अगस्त को ऑल इंडिया प्रीमियर के साथ फ़िल्म को रिलीज कर दिया जाएगा।श्रीगंगानगर में एक या दो सिनेमा हॉल में फ़िल्म दिखाई जायेगी। श्रीगंगानगर में जन्मे,पले,बड़े सुरेश शाह [सोहम शाह] को इस फ़िल्म से काफी आशाएं हैं। उन्होंने बाकायदा अभिनय का प्रशिक्षण भी लिया है।
स्वाइन फ्लू का हंगामा
Thursday, August 13, 2009
Friday, August 7, 2009
हिंदुस्तान मजबूर है
पहले किसी लाचार
बूढे को
पी एम बनाते हैं,
फ़िर, अपने सहारे से
उसको चलाते हैं,
हिंदुस्तान मजबूर है
क्योंकि,
राजनीतिक दलों का
यही दस्तूर है।
Thursday, August 6, 2009
सरकार नींद में,जनता अचेत
सरकार नींद में
जनता अचेत,
सब्जी,दाल,चीनी
हाथ से ऐसे
निकल गई,
जैसे
बंद मुट्ठी से रेत।
Wednesday, August 5, 2009
रिश्तों के झरने बहतें हैं
बंधने का अहसास
ना हो तो उसे
स्नेह,प्यार,प्रीत,ममता
लाड ,दुलार कहते हैं,
ये सब किसी का भी
हो सकता है,
बहिन,मां,भाभी,
पत्नी,प्रेयसी,चाची,ताई
कोई माई,मामी,बुआ का ,
ये हिंदुस्तान है
यहाँ तो
रिश्तों के झरने बहतें हैं।
Tuesday, August 4, 2009
नींव कमजोर,कंगूरे खुबसूरत
Monday, July 27, 2009
प्रेम,लगाव, हिंसा और तोड़फोड़
Thursday, July 23, 2009
घर में घुस गया डर
Tuesday, July 21, 2009
सास,सासरे की आस
सास,
सासरे की
आस।
आज, सबसे पहला फोन इसी आस के सदा के लिए टूट जाने का मिला। हालाँकि उनकी बीमारी को देखते हुए इस दुखद फोन कॉल ने तो आना ही था। इस से भी दुखद और कष्ट दायक था , इस फोन की जानकारी पत्नी को देना। जानकारी देनी ही थी। तुंरत दी भी। पत्नी की मां भी वैसी ही होती है जैसी ख़ुद की। जाना तो सभी ने है। इन्सान चाहे समय की पाबन्दी ना समझे। भगवान के यहाँ तो एक एक पल क्या एक एक साँस का हिसाब है। नारायण नारायण।
Sunday, July 19, 2009
जो चीज सरकारी है, वह चीज हमारी है
चाहे ये बंगले ना छोडें। देश वासी इनको शर्मसार तो कर ही सकते हैं। तो हो जाओ शुरू। आज से और अभी से। सबसे पहले हम ही इनको लानत भेजते हैं। सरकारी बंगले पर कब्जा जमाये रखने वाले किसी पूर्व मंत्री या सांसद का बन्दा इसको पढ़ रहा है तो वह जाकर उनको बताये। हर ब्लोगर जहाँ तक सम्भव हो इनके बारे में लिखे। इनको बार बार चुनाव हारने का श्राप दे। इनके वोटर इनसे नाराज हो जायें। समर्थक इनको गालियाँ निकालें । शुभचिंतक इनके घर आना बंद करदें। मीडिया इनको देखते ही गली बदल ले। इनके घर के आस पास कोई प्रदर्शन भी ना हो। ना इनका लैंड लाइन फोन बजे ना मोबाइल। कोई इनको पी पी कॉल भी ना करे।
मुझे अभी तो इतना ही समझ आ रहा है। ऐसा आप सब लिखो। नई नई बात,नए श्राप।
Monday, July 13, 2009
नए स्टाइल की पत्रकारिता
Sunday, July 12, 2009
विलाप में सम्मान की खुशी
श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़ में आजकल बिजली और पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है। खेतों में खड़ी फसल बिन पानी के जल रही है। नगरों में बिजली के बिना कारोबार चौपट होने को है। कोई भी ऐसा वर्ग नहीं जो आज त्राहि माम,त्राहि माम ना कर रहा हो। त्राहि माम के इस विलाप को नजर अंदाज कर हमारे सांसद भरत राम मेघवाल अपने स्वागत सत्कार,सम्मान करवाने में व्यस्त हैं। एक एक दिन में गाँव से लेकर नगर तक कई सम्मान समारोह में वे फूल मालाएं पहन कर गदगद होते हैं।सम्मान पाने का अधिकार उनका हो सकता है। किंतु ऐसे वक्त में जब चारों ओर जनता हा हा कार कर रही हो, तब क्या यह सब करना और करवाना उचित है?
सांसद महोदय, प्रोपर्टी और शेयर बाज़ार ने तो पहले ही लोगों की हालत बाद से बदतर कर रखी है। अगर खेती नहीं हुई तो खेती प्रधान इस इलाके में लोगों के पास कुछ नहीं बचेगा।
Friday, July 10, 2009
ईमानदारी और शराफत को चाटें क्या
ईमानदारी और शराफत, ये भारी भरकम शब्द आजकल केवल किताबों की शोभा के लिए ही ठीक हैं। ईमानदारी और शराफत के साथ कोई जी नहीं सकता। कदम कदम पर उसको प्रताड़ना और अभावों का सामना करना पड़ेगा। इनका बोझ ढोने वालों के बच्चे भी उनसे संतुष्ट नहीं होते। ईमानदार और शरीफ लोगों की तारीफ तो सभी करेंगें लेकिन कोई घास नहीं डालता। ईमानदार और शरीफ को कोई ऐसा तमगा भी नहीं मिलता जिसको बेच कर वह एक समय का भोजन कर सके। दुनियादारी टेढी हो गई, आँख टेढी करो,सब आपको सलाम करेंगें। वरना आँख चुरा कर निकल जायेंगें।
लो जी, एक कहानी कहता हूँ। एक निहायत ही ईमानदार और शरीफ आदमी को प्रजा ने राजा बना दिया। जन जन को लगा कि अब राम राज्य होगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। राज के कर्मचारी,अफसर जनता की बात सुनेगें। दफ्तरों में उनका आदर मान होगा। पुलिस उनकी सुरक्षा करेगी। कोई जुल्मी होगा तो उसकी ख़बर लेगी। रिश्वत खोरी समाप्त नहीं तो कम से कम जरुर हो जायेगी। परन्तु, हे भगवन! ये क्या हो गया! यहाँ तो सब कुछ उलट-पलट गया। ईमानदार और शरीफ राजा की कोई परवाह ही नही करता। बिना बुलाए कोई कर्मचारी तक उस से मिलने नहीं जाता। राजा के आदेश निर्देश की किसी को कोई चिंता नहीं। अफसर पलट के बताते ही नहीं कि महाराज आपके आदेश निर्देश पर हमने ये किया। लूट का बाजार गर्म हो गया। कई इलाकों में तो जंगल राज के हालत हो गए। किसी की कोई सुनवाई नहीं। पुलिस और प्रशासन के अफसर,कर्मचारी हावी हो गए। जिसको चाहे पकड़ लिया,जिसको चाहे भीड़ के कहने पर अन्दर कर दिया।ख़ुद ही मुकदमा दर्ज कर लेते हैं और ख़ुद ही जाँच करके किसी को जेल भेज देते हैं। राजा को उनके शुभचिंतकों ने बार बार बताया। किंतु स्थिति में बदलाव नही आया। राजा शरीफ और निहायत ईमानदार है। वह किसी अफसर, कर्मचारी को ना तो आँख दिखाता है ना रोब। सालों से खेले खाए अफसर,कर्मचारी ऐसे शरीफ राजा को क्यों भाव देने लगे। उनकी तो मौज बनी है। राजा कुछ कहता नहीं,प्रजा गूंगी है, बोलेगी नहीं। ऐसे में डंडा चल रहा है,माल बन रहा है। उनका तो कुछ बिगड़ना नहीं। पद जाएगा तो राजा का, उनका तो केवल तबादला ही होगा। होता रहेगा,उस से क्या फर्क पड़ेगा। घर तो भर जाएगा।
बताओ,जनता ऐसे राजा का क्या करे? जनता के लिए तो राजा की ईमानदारी और शराफत एक आफत बन कर रह गई। उनकी आशाएं टूट गईं। उम्मीद जाती रही।राम राज्य की कल्पना, कल्पना ही है। राजा की ईमानदारी और शराफत पर उनके दुश्मनों को भी संदेह नहीं,लेकिन इस से काम तो नही चल रहा। राजा ईमानदार और शरीफ रहकर लगाम तो कस सकता है। लगाम का इस्तेमाल ना करने पर तो दुर्घटना होनी ही है
Thursday, July 9, 2009
सबसे बड़ा बोझ
Sunday, July 5, 2009
नशे का थोक व्यापारी
Thursday, July 2, 2009
एक से नो तक
तारीख--७.८.९
मतलब, १,२,३,४,५,६,७,८,और ९ एक साथ। ऐसा दुबारा हमारे जीवन में तो होने वाला नहीं। इसलिए उस दिन कुछ ना कुछ तो अलग से होना ही चाहिए। जिस से इस पल की याद हमारे दिलों में रहे। क्या होना चाहिए? आप भी सोचो हम भी सोचतें हैं। जब इतने सब सोचेंगें तो हर हाल में नया विचार आएगा ही।