श्रीगंगानगर-मीडिया को प्रेस वार्ता के लिए बुलाकर आदेश निर्देश देने वाले जिला कलेक्टर अंबरीष कुमार की आज पत्रकारों से खूब गरमा गर्मी हुई। एक बार तो वार्ता में गए पत्रकारों ने कलेक्टर का बहिष्कार कर दिया। संभव है आगामी कुछ घंटों में फील्ड में रहने वाले पत्रकार जिला कलेक्टर के खिलाफ कोई बैठक कर कोई और निर्णय लें। पीआरओ सतीश सूद की मार्फत जिला कलेक्टर ने पत्रकारों को अतिक्रमण के मामले में कोई जानकारी देने के लिए बुलाया। अपनी आदत के अनुसार कलेक्टर ने पत्रकारों को कैमरे बंद करने के निर्देश दिये। पत्रकार भड़क गए। बात आगे बढ़ी तो कलेक्टर ने अप्रत्यक्ष रूप से धमकी भरे शब्दों में कहा कि पत्रकार क्या प्रकाशित करते हैं,वे सब जानते हैं। किसके प्लाट कहाँ है...किसने बेचे इसकी भी जानकारी उनको हैं। जांच करवाएँ तो बहुत कुछ सामने आएगा। कलेक्टर के इतना कहते ही पत्रकारों में आक्रोश पैदा हुआ। उन्होने एक स्वर में कलेक्टर से यही कहा कि आपने हमें धमकाने के लिए बुलाया है क्या....आप पहले हमारी जांच करवा लो उसके बाद ही बात करेंगे। बात इतनी अधिक बढ़ी की पत्रकार वार्ता उठाकर बाहर आ गए। नगर विकास न्यास के सचिव अशोक यादव और सतीश सूद ने पत्रकारों को बुलाया। मनाने की कोशिश की मगर कोई बात नहीं बनी। वार्ता में न्यास के चेयरमेन ज्योति कांडा भी थे। किन्तु वे कुछ नहीं बोले। पत्रकारों ने जिला कलेक्टर के व्यवहार की निंदा करते हुए इसे तानाशाही रवैया करार बताया है। खुद जिला कलेक्टर ने वेबसाइट से बात चीत में पत्रकारों से धम्की भरे लहजे में बात करने से इंकार किया। उन्होने कहा कि प्रेस वार्ता बंद होने के बाद कैमरे बंद करने को कहा था। अंबरीष कुमार ने कहा कि उन्होने सभी से प्रेम और आत्मीयता से बात की। ना तो किसी से चिल्ला कर बात की और ना ही गलत भाषा का प्रयोग किया। जिला कलेक्टर के अनुसार उन्होने पीआरओ और न्यास सचिव को सभी मनाने के लिए भेजा था लेकिन कोई आया नहीं। ज्ञात रहे कि जब से अंबरीष कुमार जिला कलेक्टर बन कर यहाँ आए हैं तभी से उनका बरताव ऐसा है। मीडिया से सीधे मुंह बात नहीं करते। कांग्रेस लीडर अंबरीष कुमार की लल्ला लोरी कर खुश रखते हैं। खुद अंबरीष कुमार कांग्रेस लीडरों को कुछ नहीं समझते। अभी तक उन्होने तीन बार प्रेस को बुलाया। तीनों बार दिखावे के लिए कांग्रेस नेताओं को अपने साथ बिताया। पहली बार जगदीश जांदू को। दूसरी बार जगदीश जांदू,राजकुमार गौड़,पृथ्वीपाल सिंह और कश्मीरी लाल जसूजा को और आज शुक्रवार को ज्योति कांडा को। किन्तु ये कांग्रेस लीडर जिला कलेक्टर की हां में हां मिलाने के अलावा कुछ नहीं करते।
Friday, July 27, 2012
कलेक्टर-पत्रकार उलझे प्रेस वार्ता में गरमा गर्मी
श्रीगंगानगर-मीडिया को प्रेस वार्ता के लिए बुलाकर आदेश निर्देश देने वाले जिला कलेक्टर अंबरीष कुमार की आज पत्रकारों से खूब गरमा गर्मी हुई। एक बार तो वार्ता में गए पत्रकारों ने कलेक्टर का बहिष्कार कर दिया। संभव है आगामी कुछ घंटों में फील्ड में रहने वाले पत्रकार जिला कलेक्टर के खिलाफ कोई बैठक कर कोई और निर्णय लें। पीआरओ सतीश सूद की मार्फत जिला कलेक्टर ने पत्रकारों को अतिक्रमण के मामले में कोई जानकारी देने के लिए बुलाया। अपनी आदत के अनुसार कलेक्टर ने पत्रकारों को कैमरे बंद करने के निर्देश दिये। पत्रकार भड़क गए। बात आगे बढ़ी तो कलेक्टर ने अप्रत्यक्ष रूप से धमकी भरे शब्दों में कहा कि पत्रकार क्या प्रकाशित करते हैं,वे सब जानते हैं। किसके प्लाट कहाँ है...किसने बेचे इसकी भी जानकारी उनको हैं। जांच करवाएँ तो बहुत कुछ सामने आएगा। कलेक्टर के इतना कहते ही पत्रकारों में आक्रोश पैदा हुआ। उन्होने एक स्वर में कलेक्टर से यही कहा कि आपने हमें धमकाने के लिए बुलाया है क्या....आप पहले हमारी जांच करवा लो उसके बाद ही बात करेंगे। बात इतनी अधिक बढ़ी की पत्रकार वार्ता उठाकर बाहर आ गए। नगर विकास न्यास के सचिव अशोक यादव और सतीश सूद ने पत्रकारों को बुलाया। मनाने की कोशिश की मगर कोई बात नहीं बनी। वार्ता में न्यास के चेयरमेन ज्योति कांडा भी थे। किन्तु वे कुछ नहीं बोले। पत्रकारों ने जिला कलेक्टर के व्यवहार की निंदा करते हुए इसे तानाशाही रवैया करार बताया है। खुद जिला कलेक्टर ने वेबसाइट से बात चीत में पत्रकारों से धम्की भरे लहजे में बात करने से इंकार किया। उन्होने कहा कि प्रेस वार्ता बंद होने के बाद कैमरे बंद करने को कहा था। अंबरीष कुमार ने कहा कि उन्होने सभी से प्रेम और आत्मीयता से बात की। ना तो किसी से चिल्ला कर बात की और ना ही गलत भाषा का प्रयोग किया। जिला कलेक्टर के अनुसार उन्होने पीआरओ और न्यास सचिव को सभी मनाने के लिए भेजा था लेकिन कोई आया नहीं। ज्ञात रहे कि जब से अंबरीष कुमार जिला कलेक्टर बन कर यहाँ आए हैं तभी से उनका बरताव ऐसा है। मीडिया से सीधे मुंह बात नहीं करते। कांग्रेस लीडर अंबरीष कुमार की लल्ला लोरी कर खुश रखते हैं। खुद अंबरीष कुमार कांग्रेस लीडरों को कुछ नहीं समझते। अभी तक उन्होने तीन बार प्रेस को बुलाया। तीनों बार दिखावे के लिए कांग्रेस नेताओं को अपने साथ बिताया। पहली बार जगदीश जांदू को। दूसरी बार जगदीश जांदू,राजकुमार गौड़,पृथ्वीपाल सिंह और कश्मीरी लाल जसूजा को और आज शुक्रवार को ज्योति कांडा को। किन्तु ये कांग्रेस लीडर जिला कलेक्टर की हां में हां मिलाने के अलावा कुछ नहीं करते।
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