Friday, May 11, 2012

ये एसपी तो मस्त है यार



श्रीगंगानगर-जिले का एसपी हंसते हुए मिले तो मुलाकाती के मन को सुकून मिलता है। सुकून की यह सरिता यहां तब तक बहती रहेगी जब तक चालके संतोष कुमार तुकाराम यहां रहेंगे। यस, ऐसे ही हैं संतोष चालके....इस जिले के नए एसपी। सभी से दिल खोलकर...चेहरे पर एवरग्रीन स्माइल के साथ मिलते हैं एसपी। आओ....मिलो....बात करो और जाओ। गप्प बाजी के लिए समय नहीं। वेटिंग रूम खाली रहना चाहिए ताकि अन्य जरूरी काम होते रहें। वे कहते हैं.....सभी से मिलना...व्यवहार कुशलता....ऑफिसर का सम्मान....कोई काम नहीं तब भी मान देना इस जिले के लोगों की विरासत है। इस विरासत का मान रखना मेरा भी कर्तव्य है। इस रिपोर्टर से बात चीत में श्री चालके ने कहा...आम आदमी को 24 घंटे मोबाइल फोन पर उपलब्ध रहूँगा। उसको पुलिस के पास जाने के लिए किसी मिडल मेन को ढूँढने की जरूरत नहीं है। कोई मुझसे मिलने आया और मैं फोन पर बात करूँ...ये नहीं होगा। उनका  कहना था कि पांच छह साल पहले जब मैं यहां रहा जब प्राथमिकता अलग थी। तब से अब तक काफी बदलाव हुए हैं। इस लिए प्राथमिकता बदलती रहती हैं। देखुंगा अब क्या प्राथमिकता हो...उसी के अनुरूप बढ़िया काम करेंगे। बीट सिस्टम को प्रभावी बनाया जाएगा। इसकी बहुत उपयोगिता है इसलिए बीट कांस्टेबल को मोबाइल की सिम फ्री दी जाती है। खुद मुख्यमंत्री ने इसको लागू किया। बेशक कांस्टेबल की बदली हो जाए परंतु बीट कांस्टेबल का मोबाइल नंबर वही रहेगा। किसी और कांस्टेबल को यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। बीट कांस्टेबल पहले से अधिक सजगता और कार्यक्षमता से काम करे यह प्रयास किया जाएगा। बातचीत हो रही थी कि संगठन ज्ञापन देने आ गया। कुछ लोगों को एसपी ने बुलाया...जो आए उनमे  महेश पेड़ीवाल भी थे। एसपी उनको देखते ही बोले.. कैसे हो महेश पेड़ीवाल जी।ज्ञापन देने वालों ने धर्मांतरण की बात की। एसपी ने इस विषय पर मुस्कराते हुए जो तर्क दिये उससे मुस्कराते चेहरे के पीछे विचारों की दृढ़ता भी दिखाई दी। उनके तर्कों से सभी निरुतर हो गए। बाहर आकर एक नेता बोला...एसपी मस्त है यार। सच में आज तो एसपी मस्त हैं.....कल इस क्षेत्र की हवा क्या करेगी...इसकी चर्चा मौका मिला तो फिर कभी। सज्जाद मिर्जा कहते हैं...मुझे देखा जो तुमने मुस्करा कर,मैं अपने आप को अच्छा लगा हूँ।

1 comment:

अजय कुमार झा said...

रोचक शैली है आपकी । कमाल की पोस्ट