श्रीगंगानगर- विकास
डब्ल्यू एसपी के सीएमडी बी डी अग्रवाल
द्वारा प्रशासन को नगर के विकास हेतु दिये गए पांच करोड़ रुपए ने धान मंडी के
नेताओं को हासिए पर डाल दिया....उनको कागजी नेता बना दिया। पांच करोड़ रुपए का
ही कमाल है कि जिला कलेक्टर अंबरीष कुमार खुद धान मंडी पहुंचे। बी डी अग्रवाल की
ओर से आयोजित किसानों,व्यापारियों
की सभा को संबोधित किया। यह पहला मौका है जब जिला कलेक्टर किसी ऐसे व्यक्ति की सभा में गए जो उद्योगपति होने के साथ साथ जमींदारा पार्टी नामक राजनीतिक दल और एक किसान
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। नगर में किसान,मजदूर,
आम आदमी से जुड़ी समस्याओं पर छोटी बड़ी सभाएं होती रहती हैं। राजनीतिक भी और गैर राजनीतिक भी। किसी
भी जिला
कलेक्टर द्वारा कभी इस प्रकार की सभा में जाने की जानकारी
नहीं है। यह बी डी अग्रवाल के पांच करोड़ रुपए ही थे
जिन्होने वर्तमान कलेक्टर अंबरीष कुमार को परंपरा तोड़ सभा में जाने
के लिए प्रेरित किया। वरना धान मंडी में बारदाने की समस्या हर बार होती है।
व्यापारी,किसान,मजदूर आंदोलन करते हैं। इस बार भी हुआ। सबसे
पुरानी व्यापारिक संस्था दी गंगानगर ट्रेडर्स असोसियेशन और कच्चा आढ़तिया संघ के पदाधिकारियों ने किसानों
के साथ मंडी ऑफिस में अधिकारी का घेराव किया। दूसरे दिन बी डी अग्रवाल ने मोर्चा
संभाला। वे जिला प्रशासन से मिले। प्रशासन के मुखिया जिला कलेक्टर ने बुधवार को
मंडी आने का वादा किया। वादा निभाते हुये
कलेक्टर ने बी डी अग्रवाल की सभा में पहुँच कर नई शुरुआत
की। बी डी अग्रवाल की बल्ले बल्ले हुई। सालों से मंडी में राजनीति करने वाले
व्यापारियों को बी डी अग्रवाल के झंडे के नीचे आना पड़ा। जिला कलेक्टर ने सभा में
क्या वादा किया....क्या कहा....बारदाना आएगा या नहीं...यहअलग बात है। बात तो ये
कि इससे पहले जिला कलेक्टर कभी इस प्रकार की सभाओं में नहीं जाते थे। कानून
व्यवस्था के लिए बहुत जरूरी हुआ तो किसी एडीएम को भेज दिया....वह भी सभा में नहीं...आजू-बाजू। नेताओं से बात
की...लौट गए....जैसा चमत्कार बी डी
अग्रवाल ने दिखाया ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। कहीं पढ़ा था....सब पूछेंगे आप कैसे हैं,जब तक आपके पास पैसे हैं।
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