Friday, September 4, 2009
एक दिन सेना के साथ
सेना आम जन मानस के लिए सदा से ही एक रहस्य रहा है। सेना से आम जन की दूरी केवल मन के भाव से मापी जा सकती है। मन की इस दूरी को बिल्कुल समाप्त करने के लिए श्रीगंगानगर में सेना ने "एक दिन सेना के साथ" प्रदर्शनी लगाई। भरी बरसात के बावजूद हर उमर के लोग प्रदर्शनी को देखने के लिए उमड़ पड़े। प्रदर्शनी स्थल बरसाती पानी से भरा था। मगर लोगों ने इसकी परवाह नहीं की। बंकर,टैंक,तोप,रॉकेट लॉन्चर सहित ना जाने कितने किस्म के हथियार जन जन ने निकट से देखे। श्रीगंगानगर भारत पाक सीमा के निकट है। यहाँ पहली बार इस प्रकार का आयोजन सेना ने किया था। सेना के बड़े से बड़े अधिकारी और एक छोटा जवान तक सभी आम जन से संवाद करते देखे गए। भीड़ के बावजूद किसी के चेहरे पर ना तो थकन थी ना झुंझलाहट। हमारा तो इस आयोजन को बार बार सलाम करने को जी करता है। सलाम सेना,सलाम जनता का जज्बा। जनता नहीं आती तो कोई मतलब ही नहीं निकलता। सेना ने जन को अपना समझ तो जनता ने अपनी उपस्थिति लगाकर उनको बता दिया कि वे उनके साथ हैं,हर हाल में हर वक्त.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
6 comments:
अच्छा लगा जानकर.
हम भी सलाम करते हैं सेना और जनता दोनों को। हम सदैव सेना के साथ हैं।
सेना और आम आदमी के बीच सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से लगाई गयी प्रदर्शनी की जानकारी देने का बहुत आभार ..!!
बेहतर प्रयास । जय हिन्द..!
नारद जी,
यह देखकर दिल नारायण नारायण हो गया.
सेना को वैसे तो आम जनता से अलग ही समझा जाता है लेकिन जब भी उसे जनता से जोड़ देते हैं तो जनता खुश होती ही है, जवान भी बहुत खुश होते हैं.
बहुत बढ़िया| अच्छा लगा जानकर |
आम आदमी को भी यह जानना चाहिए कि सेना के जवान हमारी सुरक्षा के लिए कैसे सदैव तत्पर रहेते है | हम को भी उन पर गर्व होना चाहिए |
जय हिन्द !
Post a Comment