श्रीगंगानगर। हर रोज वही बात अजय चान्डक बीजेपी मेँ जा रहे हैं।
नहीं जा रहे। उनको भाव नहीं मिला। उनको नहीं लिया। लेंगे या नहीं इस पर असमंजस है।
तमाम बातें आधारहीन हैं। ऐसा लगता है किसी ने अजय चान्डक से बीजेपी मेँ शामिल करवाने
का ठेका ले लिया है। माननीय मंत्री टीटी जी का ये कहना कि गंगानगर मेँ बीजेपी के पास
कोई लीडर नहीं, उसी ठेके का हिस्सा लगता है। सोचने वाली बात ये कि बीजेपी श्रीमान
अजय चान्डक का करेगी क्या? उसके पास ना तो विधायकों की कमी है
और ना ऐसे नेताओं की। फिर अजय चान्डक तो सभापति होने के बावजूद कुछ जानते ही नहीं।
उनको ना तो सभापति के पद की गरिमा और अधिकारों का ज्ञान है और ना नगर परिषद के काम
काज का। फिर अजय चान्डक मेँ ऐसी कौनसी काबिलियत है कि वे बीजेपी के उस खाली स्थान को
भर देंगे, जिसका जिक्र टीटी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सामने
किया है। इसके बावजूद किसी को अजय चान्डक जी को बीजेपी मेँ शामिल करवाने का जुनून सवार
है तो है। उनके आने से बीजेपी को तो कोई राजनीतिक लाभ मिलने वाला नहीं, किसी को व्यक्तिगत फायदा हो तो हो।
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जाने क्या सोच है
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