Govind Goyal, journalist
आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास
Tuesday, September 29, 2015
जिनके कंधों पर जाना थे
,
वे बेगाने हो गए
मैं तो वैसा ही रहा
,
लोग सब सयाने हो गए।
दोस्ती के सब किस्से
,
कब के पुराने हो गए
दोस्तों के संग बैठे
,
अब तो जमाने हो गए।
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