Saturday, May 18, 2013

बात शुरू हुई तो अफसाना बन गई खंबा कांग्रेस



श्रीगंगानगर-कांग्रेस के सबसे छोटे पदाधिकारी द्वारा बहुत बड़े पदाधिकारी के सामने शिकायत के लिहाज से कही गई जरा सी बात बहुत बड़ा अफसाना बन गई। अफसाना भी ऐसा बनी कि जिसे  राजनीतिक नुकसान पहुंचाना था उसे उलटा लाभ हो गया। यही वजह रही कि कांग्रेस के लगभग सर्वे सर्वा राहुल गांधी के बीकानेर दौरे का सबसे अधिक राजनीतिक फायदा किसी को हुआ तो वो है गुरमीत सिंह कुन्नर/खंबा कांग्रेस। राहुल गांधी के बाद मीडिया में किसी की चर्चा हुई तो वो भी गुरमीत सिंह कुन्नर ही हैं।  गुरमीत सिंह कुन्नर उस बैठक में नहीं थे। इसके बावजूद कांग्रेस के सबसे पावर फुल बंदे के पास उनका नाम पहुंचा। नाम भी इस अंदाज में आया कि राहुल गांधी मुस्कुराने लगे। जब इंसान किसी बात पर हंसता है तो वह उसे भूलता नहीं। राहुल गांधी भी  इस चुनावी साल में खंबा कांग्रेस/गुरमीत सिंह कुन्नर को शायद ही भूल पाएं। क्योंकि इन दोनों का जिक्र उनके सामने किया ही इस अंदाज से गया था । गुरमीत सिंह कुन्नर का नाम संभव है याद ना रहे...लेकिन जैसे ही खंबा कांग्रेस का नाम लिया जाएगा...राहुल गांधी को सब याद आ जाएगा। प्रदेश के पूरे मीडिया में छाया हुआ है खंबा कांग्रेस और गुरमीत सिंह कुन्नर का नाम। जो काम खुद गुरमीत सिंह कुन्नर कभी नहीं कर सकते थे वह उनके विरोधियों ने अंजाने में कर दिया। गुरमीत सिंह कुन्नर और उनकी खंबा कांग्रेस एक ही दिन में सभी राजनीतिक लोगों के जुबान पर आ गई। राहुल गांधी के सामने जिस प्रकार से गुरमीत  सिंह कुन्नर का नाम प्रस्तुत किया गया उसे राजनीतिक हल्कों में श्री कुन्नर के लिए पॉज़िटिव माना जा रहा है। राजनीति के जानकार कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के निकट इससे अधिक राजनीतिक लाभ गुरमीत सिंह कुन्नर को और क्या मिलेगा? कांग्रेस के राहुल गांधी के पास उनका नाम पहुँच गया। क्षेत्र में उनकी राजनीतिक हैसियत की जानकारी भी दे दी गई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को। कुन्नर  विरोधियों ने खुद कुन्नर को राहुल गांधी के सामने ताकतवर साबित कर दिया। उधर जिस ब्लॉक अध्यक्ष ने कुन्नर का नाम राहुल गांधी के सामने लिया श्री कुन्नर ने उसका आभार व्यक्त कर बात को और पॉज़िटिव कर दिया। क्योंकि यह तो नाम लेने वाले नेता ने भी नहीं सोचा था कि छोटी सी बात इस प्रकार से अफसाना बन गुरमीत सिंह कुन्नर और खंबा कांग्रेस को प्रदेश भर में चर्चित कर देगी। फिलहाल तो यही चर्चा है राजनीतिक क्षेत्र में। 

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