tag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post1308618753966561507..comments2023-10-18T20:43:22.959+05:30Comments on Govind Goyal, journalist : कोई जवाब है क्यागोविंद गोयल, श्रीगंगानगर http://www.blogger.com/profile/04254827710630281167noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-33658696595651391312009-06-29T21:57:26.808+05:302009-06-29T21:57:26.808+05:30गोविन्द जी, दुनिया में सबसे बेहतर रिश्ता है "...गोविन्द जी, दुनिया में सबसे बेहतर रिश्ता है "माँ" का. दुनिया की तमाम गलतियाँ करने के बावजूद एक माँ अपने बच्चे को अपने आँचल में बड़े प्यार से समेट लेती है, जैसे उसने कुछ किया ही न हो....."पुत्र कुपुत्र हो जाता है लेकिन माता कुमाता नहीं होती". माँ के इस स्वरुप की याद को ताज़ा करने के लिए आपको साधुवाद.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10237886890136174388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-50422343746884483542009-06-29T21:56:21.353+05:302009-06-29T21:56:21.353+05:30गोविन्द जी, दुनिया में सबसे बेहतर रिश्ता है "...गोविन्द जी, दुनिया में सबसे बेहतर रिश्ता है "माँ" का. दुनिया की तमाम गलतियाँ करने के बावजूद एक माँ अपने बच्चे को अपने आँचल में बड़े प्यार से समेट लेती है, जैसे उसने कुछ किया ही न हो....."पुत्र कुपुत्र हो जाता है लेकिन माता कुमाता नहीं होती". माँ के इस स्वरुप की याद को ताज़ा करने के लिए आपको साधुवाद.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10237886890136174388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-5637643245253440372009-06-09T11:45:03.896+05:302009-06-09T11:45:03.896+05:30नारद जी, क्या कहूँ इसके बारे में ! इसे कहते है सो...नारद जी, क्या कहूँ इसके बारे में ! इसे कहते है सोच ! भले ही बाप, भाई, बहन सब अपनी जगह ठीक हो और है भी, लेकिन माँ अपनी जगह ठीक ना होते हुए भी कितनी ठीक है, आप और हम बस परिकल्पना ही कर सकते है! नारद जी, कितने खुशनसीब होते होंगे न वो बच्चे जिनको ऐसी माए मिलती है ! !!!!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-46142305052515031552009-06-09T10:59:20.604+05:302009-06-09T10:59:20.604+05:30नारद जी, क्या कहूँ इसके बारे में ! इसे कहते है सो...नारद जी, क्या कहूँ इसके बारे में ! इसे कहते है सोच ! भले ही बाप, भाई, बहन सब अपनी जगह ठीक हो और है भी, लेकिन माँ अपनी जगह ठीक ना होते हुए भी कितनी ठीक है, आप और हम बस परिकल्पना ही कर सकते है! नारद जी, कितने खुशनसीब होते होंगे न वो बच्चे जिनको ऐसी माए मिलती है ! !!!!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-63529240672132179152009-06-08T21:38:48.738+05:302009-06-08T21:38:48.738+05:30bahut hi sunder:)bahut hi sunder:)Renuhttps://www.blogger.com/profile/18052079745061422542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-6082782046974557112009-06-08T12:28:41.597+05:302009-06-08T12:28:41.597+05:30वाकई मां तो मां ही होती है । दुनिया आपको बाहर से र...वाकई मां तो मां ही होती है । दुनिया आपको बाहर से रखती है, मां की दृष्टि सीधे आपके अंतस से जुड़ होती है तभी तो कह दिया फट से कम्बख्त बारिश रुक नहीं सकती थी । दिल को छू लेने वाली पंक्तियां । बधाई ।<br />कोलाहल से कौस्तुभkaustubhhttps://www.blogger.com/profile/07137704961577539697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-90768667368459431352009-06-08T11:17:32.366+05:302009-06-08T11:17:32.366+05:30माँ.....माँ.....संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-10607935123715277762009-06-07T13:31:04.831+05:302009-06-07T13:31:04.831+05:30maa ki jaan basi hoti hai bachhon me . maa ka rin ...maa ki jaan basi hoti hai bachhon me . maa ka rin kabhi nahin tara jaa sakta aur naa hi maa ke sneh ka koi uttar haota hai . Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-65598222803398518832009-06-07T13:30:42.745+05:302009-06-07T13:30:42.745+05:30मां तभी तो महान है.
राम राम जी कीमां तभी तो महान है.<br />राम राम जी कीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-54030207089273770142009-06-07T13:17:34.254+05:302009-06-07T13:17:34.254+05:30माँ की ममता का कोई मोल नहीं. उसके हाथ होता तो बारि...माँ की ममता का कोई मोल नहीं. उसके हाथ होता तो बारिश रोक भी देती, करे क्या मजबूर है. इसलिए तो माँ है.राजन अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/08413878751401568625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-8362210318612366882009-06-07T12:37:36.037+05:302009-06-07T12:37:36.037+05:30बहुत ही सुंदर ,यह केवल माँ ही कह सकती है .बहुत ही सुंदर ,यह केवल माँ ही कह सकती है .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-83863901022668091072009-06-07T10:18:31.542+05:302009-06-07T10:18:31.542+05:30नारायण नारायण निरुत्तर हूँ कोई जबाब नहीं
सादर
प्...नारायण नारायण निरुत्तर हूँ कोई जबाब नहीं <br />सादर <br />प्रवीण पथिक <br />9971969084प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी)https://www.blogger.com/profile/01003828983693551057noreply@blogger.com