tag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post1299724644017509644..comments2023-10-18T20:43:22.959+05:30Comments on Govind Goyal, journalist : कमाऊ पूत की उपेक्षागोविंद गोयल, श्रीगंगानगर http://www.blogger.com/profile/04254827710630281167noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-67660492456227224412008-12-20T03:27:00.000+05:302008-12-20T03:27:00.000+05:30विवेक जी की बात से समहत है,कमाऊ पुत तो गधा होता है...विवेक जी की बात से समहत है,कमाऊ पुत तो गधा होता है...वही बात राज्नीति मै भी है सब चोर उच्चके ऎश कर रहै है कमाऊ धक्के खा रहै है. बहुत सुंदर ओर रोचक लिखा आप ने.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5480942758752763664.post-57765441706310271802008-12-19T15:44:00.000+05:302008-12-19T15:44:00.000+05:30मैं आपकी पहली पंक्ति से असहमत हूँ . मेरा मानना है ...मैं आपकी पहली पंक्ति से असहमत हूँ . मेरा मानना है कि माँ सबसे कमाऊ पूत का नहीं बल्कि सबसे नाकारा या सबसे कमजोर पूत का पक्ष लेती है . यह बात अलग है कि सबसे कमाऊ पूत को वह भ्रम में रखती है कि उसका पक्ष लिया जा रहा है .विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.com